रेटिनोब्लास्टोमा नामक दुर्लभ आंखो के कैंसर से पीड़ित छह माह के बच्चे ने बीमारी को मात देते हुए पूरी तरह से ठीक हो गया। बच्चे के फिट करने के लिए चिकित्सकों को सफलता मिली है। इतना ही नहीं उनके प्रयासों से बच्चे की आंखों और उसकी रोशनी को बचाने के लिए पहली ऑप्थेल्मिक आर्टरी कीमोथेरेपी प्रक्रिया कराई गई। चिकित्सकों के मुताबिक बच्चों में सभी कैंसर का दो फीसदी मामले रेटिनोब्लास्टोमा के मिलते हैं। चार महीने पहले अभिषेक वाघ की पत्नी रूतिका ने पहले बच्चे तनीश को जन्म दिया। जन्म के समय से ही बच्चे की आंख टेढ़ी थी।
ऐसे में बच्चे की आंखों को बचाने के लिए अस्पताल ने पहली बार सफल ऑप्थेल्मिक आर्टरी कीमोथेरेपी प्रक्रिया की हैं। इस प्रक्रिया में कैंसर रोधी दवा सीधे ट्यूमर वाली आंख में दी गई। इस बच्चे में कीमोथेरेपी के बाद कई जटिलताएं पाई गई। इसलिए उसे नेत्र धमनी कीमोथेरेपी देने का फैसला किया गया। बच्चे को केमोथेरपी के दो चक्र दिए गए। प्रक्रिया के बाद बच्चे के सेहत में सुधार देखकर उसे अस्पताल से डिस्चार्ज दे दिया गया। यह सभी प्रक्रिया अस्पताल के इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी प्रमुख डॉ. सुयश कुलकर्णी के नेतृत्व में हुआ।
पांच साल से कम उम्र के बच्चों में होता है आंख का कैंसर
वाडिया अस्पताल के हेमेटोलॉजी-ऑन्कोलॉजी विभाग प्रमुख डॉ. संगीता मुदलियार ने कहा कि रेटिनोब्लास्टोमा बच्चों में होने वाला आंख का कैंसर हैं। आमतौर पर पांच साल के कम उम्र के बच्चों में यह कैंसर होता है। बच्चे की आंखों में सफेद चमक, भेंगापन, दृष्टि में बदलाव, आइरिस के रंग में बदलाव यह इस कैंसर के प्रमुख लक्षण हैं, जो बच्चों में होने वाले सभी कैंसर का लगभग दो फीसदी है।