मुंबई। दुनियाभर ने कोरोना(Corona)का कहर देखा था। इस वायरस(Virus)की रोकथाम के लिए कोरोना की वैक्सीन लगाई गई थी। वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर भी बीते कुछ सालों से चर्चा होती रही है। इस बीच कोविड वैक्सीन(Covid vaccine)बनाने वाली फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका(Pharma company AstraZeneca)ने यूके की एक कोर्ट में वैक्सीन के दुष्प्रभाव को स्वीकार करते हुए कहा है कि कुछ मामलों में वैक्सीन के कारण थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम(Thrombosis with thrombocytopenia syndrome)हो सकता है। उसके इस कबूलनामे से यह साबित हो गया है कि एस्ट्राजेनेका लोगों को मौत की गारंटी दे रही है। दूसरी तरफ सिरम इंस्ट्यूट ने भी एस्ट्राजेनका के फॉर्मूले पर ही कोविड रोधी वैक्सीन कोवीशील्ड का निर्माण किया है। ऐसे में इस वैक्सीन को लेनेवाले हिंदुस्थान के करीब 175 करोड़ लोगों पर मौत का खतरा मंडरा रहा है। चिकित्सकों के मुताबिक कुछ समय से देश में हार्ट अटैक और खुन का थक्का जमने के मामलों में वृद्धि हुई है।
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। हालांकि, ऐसा बहुत दुर्लभ मामलों में ही होगा। एस्ट्राजेनेका का जो फॉर्मूला था उसी से हिंदुस्थान में सीरम इंस्टीट्यूट ने कोवीशील्ड नाम से वैक्सीन बनाई है। ब्रिटिश मीडिया टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक एस्ट्राजेनेका पर आरोप है कि उनकी वैक्सीन से कई लोगों की मौत हो गई। वहीं कई अन्य को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा। मेडिसिन हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी के मुताबिक ब्रिटेन में 81 मामले ऐसे हैं, जिनमें इस बात की आशंका है कि वैक्सीन की वजह से खून के थक्के जमने से लोगों की मौत हो गई। एमएचआरए के मुताबिक, साइड इफेक्ट से जूझने वाले हर 5 में से एक व्यक्ति की मौत हुई है। कंपनी के खिलाफ हाईकोर्ट में 51 केस में पीड़ितों ने एस्ट्राजेनेका से करीब एक हजार करोड़ का हर्जाना मांगा है।
देश में हार्ट अटैक समेत बढ़ी कई बीमारियां
जेजे अस्पताल में प्रोफेसर डॉ. मधुकर गायकवाड़ ने कहा कि बीते कुछ सालों से देश में हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, हैमरेज, लंग्स इंफेक्शन, किडनी डीजिज, गैंगरीन, थ्रोबोसिस जैसी कई गंभीर बीमारियों के मामलों में वृद्धि हुई है। हालांकि यह कोरोना अथवा कोविड रोधी वैक्सीन के कारण हो रही है। इसे लेकर अभी तक संदेह बना हुआ है। फिलहाल यदि कंपनी ने यह बात स्वीकार किया है कि कोविड रोधी वैक्सीन से इस तरह की समस्याएं बढ़ी हैं तो, यह चितांजनक विषय है।
आर्ट अटैक के बढ़ते मामलों ने उड़ाई नींद
जेजे अस्पताल में कार्डियो सर्जरी विभाग के प्रमुख मोहन जोशी ने कहा कि बीते कुछ सालों से लोगों के खान-पान और रहन-सहन में तेजी से बदलाव देखा जा रहा है। लोग शराब और सिगरेट का सेवन अधिक करने लगे हैं। यह सभी आदतें उन्हें हार्ट अटैक के करीब ला रही है। उन्होंने कोविड वैक्सीन से हो रहे हार्ट अटैक और खून का थक्का जमने की समस्या को लेकर कहा कि इस पर अभी कुछ बोलना सही नहीं है।
टीका है मौत की गारंटी– सौमित्र रॉय
इस लेकर सोशल मीडिया पर किए पोस्ट में सौमित्रा रॉय ने कहा है कि आपने नरेंद्र मोदी की गारंटी, यानी कोविशील्ड का टीका लगवाया है। फिर आज नहीं तो कल मरना सुनिश्चित है। पहले भी देश कई लोग अचानक गिरे और मर गए। लोगों ने हल्ला मचाया तो सरकार ने झूठ बोलकर चुप करा दिया। नरेंद्र मोदी ने दवा कंपनियों से हजार करोड़ से अधिक चंदा लिया था। सीरम इंस्टीट्यूट ने भी 52 करोड़ दिए थे।
हार्ट अटैक से मौत की हजारों वीडियों सामने आई, लेकिन पीएम ने नहीं ली सुध
श्याम मीरा सिंह ने कहा है कि कोरोना के बाद हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की हजारों वीडियो सामने आईं, लेकिन हमारे महान प्रधानमंत्री ने आज तक संज्ञान नहीं लिया। अब ब्रिटिश कोर्ट में कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ने माना है कि वैक्सीन से ब्लड क्लॉट हो सकता है। इस बीच हजारों लोगों की मौत के बाद भी सरकार ने एक कमिटी तक नहीं बनाई। लोग कीड़े मकोड़ों की तरह मारे जा रहे हैं और प्रधानमंत्री चुनावी रैलियों में मुगलों और मंगलसूत्र की बात कर रहे हैं।
घोषित किया गया मोदी विरोधी
सत्येंद्र पीएस ने कहा है कि देश में 80 फीसदी लोगों को कोविड वैक्सीन लगी है। तमाम लोगों ने कहा कि इसके साइड इफेक्ट हो रहे हैं। लेकिन ऐसे लोगों को मोदीविरोधी घोषित कर दिया गया। सभी को जबरन वैक्सीन लगवाए गए। वैक्सीन न लगवाने वालों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई। एस्ट्रोजेनेका ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर इसको तैयार किया था और इसका फार्मूला हिंदुस्थान को बेचा।