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Surrogacy business in rented wombs: किराए के कोख में सर्वोगेसी का कारोबार, पैसे लेकर अवैध संबंध, प्रेग्नेंसी, फिर नवजात शिशुओं के सौदे

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मुंबई। महाराष्ट्र साहिर देश के कई राज्यों में किराए के कोख के नाम पर सर्वोगेसी का कारोबार शुरू है। पैसे के बल पर महिलाओ और लड़कियों के साथ अवैध शारीरिक संबंध बनाकर उन्हें गर्भवती किया जाता है। नौ महीने तक संबंधित महिला अपने पेट में बच्चे को पालती है। फिर बच्चा पैदा होते ही उसे बेचा जाता है। पिछले साल नागपुर पुलिस ने भी इस तरह के रैकेट का खुलासा किया था लेकिन यह कारोबार अभी भी शुरू है।

सरोगेसी से यह मामला इस तरह से अलग है कि उसमें निस्संतान दंपत्ति तय रकम देकर किसी महिला की कोख में अपने बच्चे को पालते हैं इसमें संबंधित पुरुष के स्पर्म को उस महिला के गर्भ में ठहरा दिया जाता है बच्चे के जन्म के बाद उसे वे दंपत्ति ले जाते हैं लेकिन यहां पुरुष का स्पर्म महिला के गर्भ में प्रत्यारोपित करने की बजाए, पैसे देकर उससे अवैध संबंध बनाए जाते हैं और फिर संबंधित लड़की को गर्भवती किया जाता है फिर बच्चा पैदा होने पर उसे अमीर निस्संतान दंपत्ति को बेच देते हैं

सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र की उप राजधानी नागपुर में इस तरह से नवजात बच्चों की बिक्री करने वाली टोलियां काफी सक्रिय हैं।नागपुर पुलिस आयुक्त ने इस तरह से मानव तस्करी और देह व्यापार को रोकने के लिए एंटी ह्यूमन ट्रेफिकिंग यूनिट (AHTU) बनाई। राज्य में बच्चे की बिक्री के गुनाह के सबसे ज्यादा आरोपियों को नागपुर पुलिस क्राइम ब्रांच ने अरेस्ट किया है।नागपुर पुलिस के क्राइम ब्रांच ने पिछले साल आरोपियों को पकड़ा था जिनका संबंध और पहुंच गुजरात, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और केरल तक है।

 

कुछ स्वेच्छा से, तो कुछ मजबूरी में अवैध संबंध बनाकर हो रहीं गर्भवती
यह भी जानकारियां सामने आ रही थीं कि कुछ महिलाएं और लड़कियां स्वेच्छा से पैसे लेकर अवैध संबंध बना रही हैं और फिर गर्भवती होकर बच्चे पैदा कर उन्हें बेचने के लिए दलालों को दे रही हैं तो कुछ पैसों की तंगी की वजह से मजबूरी में कर रही हैं क्राइम ब्रांच ने इन्हीं इनपुट्स के आधार पर आरोपियों की धड़-पकड़ शुरू की।

पिछले साल हुआ था 11 बच्चों की बिक्री का हुआ खुलासा, 47 के खिलाफ दर्ज हुए थे केस
राज्य का ऐसा पहला मामला नागपुर क्राइम ब्रांच की पकड़ में आया था।इसके बाद शुरू कार्रवाइयाों में इस धंधे में शामिल छह टोलियों पर शिकंजा कसा गया और इस तरह से करीब 11 बच्चों की बिक्री का भंडाफोड़ हुआ था। बच्चों की खरीद-बिक्री के 11 केस दर्ज किए गए और 47 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुए। बेचे जा चुके कुछ बच्चों को पुलिस ने ढूंढ निकाला है।

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