मुंबई। मायानगरी मुंबई में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने दिल को झकझोर कर रख दिया है। मनपा के एक प्रसूतिगृह में उस समय अचानक बिजली कट गई, जबकि ओटी में गर्भवती महिला की सर्जरी चल रही थी। ओटी में अंधेरा होते ही खलबली मच गई। ऐसे में मेडिकल स्टाफ को टॉर्च की रोशनी में सर्जरी करना पड़ा। फिलहाल जच्चा और बच्चा दोनों की हो मौत हो गई है। मुंबई जैसे शहर में हुई इस घटना ने न केवल मनपा, बल्कि ट्रिपल इंजिन सरकार को शर्मशार कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तर पूर्वी मुंबई में चुनावी गहमागहमी जारी रहने के बीच भांडुप के मनपा प्रसूतिगृह में यह चौंकानेवाली घटना सामने आई है। भांडुप में रहनेवाली गर्भवती सोदीनिस्सा अंसारी को प्रसव पीड़ा के बाद उसके परिजनों ने सोमवार की शाम करीब साढ़े पांच बजे सावित्रीबाई फुले प्रसूतिगृह में भर्ती कराया था। हालांकि इस बीच महिला का सामान्य प्रसूति कराने की कोशिश की गई, लेकिन देर रात अचानक स्थिति बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल के ओटी में ले जाया गया, जहां महिला की करीब साढ़े बारह बजे ऑपरेशन शुरू किया गया। जिस समय सर्जरी चल रही थी, उसी समय अचानक अस्पताल की बिजली गुल हो गई। ऐसे में ओटी में मौजूद चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ में भगदड़ मच गई। साथ ही उन्हें बाध्य होकर टॉर्च की रोशनी में सर्जरी करनी पड़ी। हालांकि इस दौरान चिकित्सक पेट में पल रहे बच्चे को नहीं बचा सके। दूसरी तरफ महिला की तबियत ज्यादा बिगड़ने के बाद उसे सायन अस्पताल में रेफर कर दिया गया। महिला को परिजन बिना देर किए महिला को सायन अस्पताल में भर्ती तो करा दिए, लेकिन इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। इस घटना से मनपा द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर किए जानेवाले दावों की पोल खोल दी है।
परिजनों ने मचाया हंगामा
बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा मचाना शुरू कर दिया। उनका आरोप है कि अस्पताल में कुछ घंटों के भीतर ही चार से पांच बार बिजली गुल हुई थी। इसके साथ ही अस्पताल का जनरेटर भी काम नहीं कर रहा था। फिर भी डॉक्टरों ने मैटरनिटी में ही सर्जरी करने का फैसला किया। इसके चलते जच्चा और बच्चा दोनों की जिंदगी खत्म हो गई। परिजनों ने कहा कि यदि चिकित्सक चाहते तो पहले ही घाटकोपर के राजावाड़ी और सायन अस्पताल में भेज सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। आरोप है कि उपनगर में प्रशासन की लापरवाही के कारण नवजात शिशु की मृत्यु की कोई पहली घटना नहीं है। इन घटनाओं से यह साफ है कि यहां की स्वास्थ्य प्रणाली में राम भरोसे चल रही है। परिजन संबंधित डॉक्टरों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
करीब 10 लोगों की गठित हुई जांच समिति
मनपा की स्वास्थ्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दक्षा शाह ने कहा कि इस मामले के संज्ञान में आते ही करीब 10 महिला रोग विशेषज्ञों की समिति गठित की गई है। इसमें बाहरी डॉक्टरों का भी समावेश है। यह समिति मामले की जांच में जुट गई है। अगले सप्ताह तक जांच रिपोर्ट मिल जाएगा। उसके बाद दोषी पाए जाने पर संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राथमिक जानकारी के मुताबिक महिला को जिस समय प्रसूति गृह में भर्ती कराया गया था, उसकी हालत बहुत गंभीर थी।