नवी मुंबई। (virar municipal corporation investigating fake medical report) विरार की एक निजी लैब में एक और मामला सामने आया है, जहां नवी मुंबई के एक डॉक्टर के हस्ताक्षर से मरीजों को मेडिकल जांच रिपोर्ट दी जा रही है। नगर पालिका ने इस लैब सहित शहर की सभी पैथोलॉजी लैब का निरीक्षण शुरू कर दिया है। मामला सामने आया कि वसई विरार शहर में छह निजी पैथोलॉजी लैब गुजरात के डॉक्टरों के हस्ताक्षर का उपयोग करके मेडिकल जांच रिपोर्ट दे रहे थे। हालांकि, लैब ड्राइवर और संबंधित डॉक्टर राजेश सोनी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। सर्दियों में यह सवाल उठने के बाद मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिये थे।
इसी बीच ऐसा ही एक और प्रकार सामने आया है। विरार की एक निजी लैब में नवी मुंबई के एक डॉक्टर के हस्ताक्षर वाली रिपोर्ट जमा की जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि कुछ साल पहले इस डॉक्टर का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया था। सवाल उठाया गया है कि नवी मुंबई का एक डॉक्टर हर दिन रक्त के नमूने के लिए विरार कैसे आ सकता है। इसलिए यह प्रकार भी फर्जी है और मरीजों के दोस्तों ने शिकायत की है कि ये आम मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं। हमने स्वास्थ्य विभाग को इस मामले में संबंधित लैब की जांच करने का निर्देश दिया है। उपायुक्त (स्वास्थ्य) विनोद डावले ने बताया कि उनके निरीक्षण के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी उन्होंने कहा कि शहर की सभी लैबों का भी निरीक्षण किया जा रहा है।
कई लैबों में एक ही डॉक्टर के हस्ताक्षर का चलन सभी शहरों में चल रहा है। महाराष्ट्र पैरामेडिकल परिषद ने अगस्त महीने में पुलिस महानिदेशालय को बयान दिया था कि ऐसी लैब की जांच होनी चाहिए और केस दर्ज किया जाना चाहिए। महाराष्ट्र पैरामेडिकल परिषद में 5 हजार 433 प्रयोगशाला तकनीशियन पंजीकृत हैं। हाल ही में चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीम ने विधानसभा में एक लिखित जवाब में जानकारी दी है कि पंजीकृत तकनीशियन का नाम अपंजीकृत प्रयोगशाला संचालकों द्वारा इस्तेमाल किए जाने के संबंध में सरकार या विदेशी पैरामेडिकल काउंसिल को कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है।