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तीन माह में 139 यात्रियों ने लोकल ट्रेन से गिरकर गवाई जान, बढ़ती भीड़ और एसी लोकल है मुख्य वजह

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मुंबई। मुंबई के किसी छोर पर जानें के लिए लोकल ट्रेनों यात्रा के लिए पहला विकल्प हैं। लेकिन मुंबई ट्रेन में यात्रा करना खतरनाक हो गया है। कोरोना काल(Corona period) के बाद लोकल में भीड़ बढ़ गई है और यात्रियों को लोकल में खड़े होने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल रही है। लोकल में यात्रा के दौरान विवाद, झगड़े और मारपीट होती रहती है। आम यात्री भीड़-भाड़ होने कारण गिरकर अपनी जान गंवा रहे हैं। मुंबई में बीते तीन महीनों में ट्रैक पर 565 यात्रियों की जान गई। मध्य रेलवे पर मंगलवार को लोकल ट्रेन से गिरकर दो यात्रियों की मौत हो गई। इस पृष्ठभूमि में मुंबई में रेलवे ट्रैक पर होने वाली मौतों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। सामने आया है कि जनवरी से मार्च 2024 की अवधि में कुल 565 यात्रियों की मौत हुई। भीड़भाड़ के कारण अब तक 139 यात्रियों की जान जा चुकी है। हाल ही में रिया राजगीर और अवधेश दुबे की लोकल से गिरकर मौत हो गई थी।

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भीड़ है मुख्य वजह

मुंबईकर यात्री सीमित लोकल और पीक समय के दौरान बाधित भीड़ के साथ रुके हुए रेलवे परियोजनाओं भी मुख्य वजह हैं। यात्रियों लोकल में चढ़ने के लिए जान की बाजी लगानी पड़ती है। अन्य दुर्घटनाओं में सैकड़ों यात्रियों की जान चली गई है और कई स्थायी रूप से विकलांग हो गए हैं। कल्याण आसनगांव-कसारा और कल्याण-बदलापुर-कर्जत सड़क विस्तार, कलवा-ऐरोली एलिवेटेड रोड परियोजनाएं रुकी हुई हैं। परिणामस्वरूप स्थानीय दौरों को बढ़ाने और समय की पाबंदी बनाए रखने पर सीमाएं हैं।

एसी लोकल के वजह से सामान्य लोकल पर बढ़ रहा है भार

सेंट्रल रेलवे के कोपर-दिवा के बीच चलती लोकल से एक युवती रिया राजगोर (26) और कुछ दिनों पहले ही अवधेश दुबे की भी मौत हो गई। मुंबई महानगर का विस्तार हो गया है और लाखों यात्री कल्याण, टिटवाला, बदलापुर से सीएसएमटी की ओर यात्रा कर रहे हैं। ऐसे में महिला व पुरुष यात्री चलती लोकल के दरवाजे पर लटक कर यात्रा करने में पीछे नहीं हैं। इसके अलावा लोकल के असमय चलने, लोकल फेरों की कम संख्या, वातानुकूलित लोकल के कारण अन्य लोकल पर भीड़ का भार बढ़ गया है।

यात्री प्रणाली मोर का कहना है कि मध्य रेलवे पर यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है और लोकल ट्रेनें इसकी तुलना में कुछ नही हैं। ख़राब शेड्यूल, अनिर्धारित रुकावटें तनाव का कारण बनती हैं। नतीजन भीड़ होने से गिरकर मौत की घटनाएं हो रही हैं।

वर्षा पुरोहित ने कहा कि मध्य और पश्चिम रेलवे पर पैदल यात्री पुल, एस्केलेटर, स्लिपवे का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन बढ़ती भीड़ की तुलना में लोकल ट्रेन अपर्याप्त होती जा रही हैं।

 

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