Joindia
कल्याणठाणेदेश-दुनियामुंबईराजनीति

Dharavi:धारावी को बचाने वाली समिति में पड़ी फूट, किसकी साजिस के शिकार हुए धारावीकर?, जमकर शुरू है पोस्टर वार

Advertisement

मुंबई।(Dharavi) एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी के पुनर्विकास को लेकर रोज नई समस्याएं आ रही हैं। कभी टेंडर रद्द होता है तो नए विकासक अडानी समूह के खिलाफ मामला कोर्ट में पहुंच जाता है। कई कारणों से पिछले दो दशक से धारावी विकास का मामला पटरी पर नहीं आ पाया है। अब जब धारावी वासियों को लग रहा है कि विकास होना तय है। तब धारावी की सर्वदलीय धारावी बचाओ आंदोलन समिति में फूट पड़ गई है। विकास पर धारावी अब बट गई है। एक धड़ा धारावी विकासक पर भरोसा ना जताते हुए उसे हटाने की मांग कर रहा है तो दुसरा धड़ा विकास के लिए सरकार के साथ खड़ा हो गया है। इसे लेकर धारावी में पोस्टर वार शुरू हो गया है।

धारावी बचाओ आंदोलन समिति के ज्यादातर सदस्यों ने धारावी में विकास के लिए विकासक पर विश्वास नहीं जताया है। और सरकार से इस परियोजना के विकासक को बदलने की मांग की मांग कर रहे हैं। जबकि इस समिति के अध्यक्ष रमाकांत गुप्ता इससे नाराज होकर अलग हो गए हैं और पोस्टर बाजी कर स्पष्ट संदेश दे रहे हैं कि धारावी का विकास अभी नहीं तो कभी नही होगा। रमाकांत गुप्ता का यह पोस्टर पूरे धारावी में जगह जगह लगाया गया है। इस बारे में रमाकांत गुप्ता ने कहा कि धारावी का विकास पिछले दो दशक से लटका है। यहां के लोगों को सुविधाएं नहीं है। अब तो कम से कम धारावी का विकास हो ताकि यहाँ के लोगों को बेहतर जीवन जीने का अवसर मिले। यहां के लोगों की जिंदगी नरक बन गई है। हम चाहते हैं कि धारावी का विकास कोई भी करे लेकिन विकास होना चाहिए।

इस पोस्टर को लेकर समिति के अन्य सदस्यों ने नाराजगी भी प्रकट की है। स्थानीय विधायक और कांग्रेस की मुंबई अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ पहले भी कह चुकी हैं कि उन्हें धारावी के विकास का विरोध नहीं हैं। लेकिन धारावी वासियों को बिना विश्वास में लिए यह परियोजना नहीं होने देंगे। इस परियोजना के विकासक पर अविश्वास जताया था, उन्होंने कहा है कि सरकार धारावी के विकास को लेकर सरकार स्पष्ट नहीं है।

दरअसल धारावी में सही विकास और धारावी वासियों के हित में पक्ष रखने के लिए सर्वदलीय संस्था धरावी बचाव आंदोलन समिति बनाई गई थी। यह समिति में लगभग 20 वर्ष बाद फूट पड़ गई है। ऐसे में अब एक बार फिर धारावी के विकास को लेकर ग्रहण लगता दिख रहा है। धारावी विकास के लिए सरकार ने टेंडर जारी किया था। जिसे अडानी समूह ने अधिक बोली लगा कर हासिल किया है। सरकार इस परियोजना के लिए अडानी समूह को समर्थन कर रही है। लेकिन स्थानीय नेताओं को विकासक पर विश्वास नहीं है। धारावाहिक बचाव आंदोलन समिति में फूट पड़ने से यह मामला पेचीदा होता जा रहा है। इस तरफ फूट पड़ने अब धारावीकर असमंजस में आ गए हैं। एक तो उन्हें पहले से धारावी विकास को लेकर बहुत सारी जानकारी नहीं है, वे अब भी भ्रमित है। ऐसे में सरकार से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है। लेकिन जिस समिति पर उन्हें विश्वास था अब उसमें भी फूट पड़ गई है। अब धारावीकरो को समझ में नहीं आ रहा है की धारावी का विकास किस मांर्ग पर जाएगा।

SEBI: भारत के विकास को टिकाऊ अर्थव्यवस्था की जरूरत है- सेबी सदस्य अश्वनी भाटिया

Advertisement

Related posts

Turbhe Flyover: फ्लाईओवर के काम में देरी?, वर्क ऑर्डर की अवधि समाप्त होने के करीब है, काम अभी तक नहीं हुआ शुरू

Deepak dubey

serial killer: खीरे वाला सीरियल किलर

Deepak dubey

Nerul shutout: नेरुल शूटआउट: बिहार से तीन शूटर गिरफ्तार

Deepak dubey

Leave a Comment