मुंबई। सेबी (SEBI) के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया (sebi member Ashwini bhatia) ने कहा कि भारत( bharat) की तेजी से बढ़ती आर्थिक वृद्धि (economy) को एक टिकाऊ अर्थव्यवस्था (sustainable economy) में तब्दील होने की जरूरत है। ‘ईएसजी (ESG investment) निवेश के जरिए सतत वृद्धि में वित्त बाजारों की भूमिका’ विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय वित्त सम्मेलन में भाटिया बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत सहित कई देशों ने पिछले कुछ वर्षों में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वित्त बाजार स्थायी वित्त को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि टिकाऊ तथा समावेशी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रतिबद्धताएं की हैं।
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इस एक दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी यहां बीएसई के सहयोग से अंजुमन-ए-इस्लाम के अल्लाना इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज द्वारा की गई थी। अंजुमन-ए-इस्लाम ने इस साल अपनी स्थापना के 150 साल पूरे कर लिए हैं। भाटिया ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से वृद्धि के चरण में है। हालांकि इस वृद्धि को एक स्थायी अर्थव्यवस्था में तब्दील किए जाने की जरूरत है। नियामकों के रूप में हम वित्तपोषण या प्रकटीकरण तथा पारदर्शिता के पहलुओं को ध्यान में रखते हुए समग्र नियामक ढांचा तैयार कर रहे हैं।
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