मुंबई। शिक्षा व्यवसाय(Education Business)का रुप तो पहले ही धारण कर चुकी है अब इसमें माफियागीरी आने लगी है। गुणवत्ता सुधारने के नाम पर कोचिंग और ट्यूशन का महिमामंडन किया जाता है। कई स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापक अपने ही विद्यार्थियों को उनसे ट्यूशन पढ़ने के लिए मजबूर करते हैं। इसके साथ ही मनमानी फीस वसूली को लेकर मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है। कपोल विद्यानिधि इंटरनेशनल स्कूल में तो इसका पूरा रैकेट खड़ा कर दिया है। परेशान छात्र और अभिभावक इस बात की कई बार कॉलेज प्रबंधन से भी शिकायत कर चुके हैं।इसके बावजूद कार्रवाई नहीं होने के कारण अभिभावक शिक्षण आयुक्त से शिकायत किए थे। शिक्षण आयुक्त ने जांच कर स्कूल का आईसीएसई बोर्ड की मान्यता रद्द करने की सिफारिश राज्य सरकार से की है।
आजकल विद्यार्थियों में अच्छे अंक लाने की होड़ मची हुई है, अभिभावकों और छात्रों के इसी होड़ ने ट्यूशन को इंडस्ट्री बना दिया। ट्यूशन से होने वाली मोटी कमाई अध्यापकों को अंधा करना शुरू कर दिया, अब इन्हे सिर्फ और सिर्फ पैसे चाहिए इसके लिए स्कूल के बार ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को ट्यूशन देना है इसके लिए बच्चों को डराना, स्कूल में कम नंबर देना, मनोवैज्ञानिक तरीके से प्रताड़ित करने जैसे हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। कांदीवाली पश्चिम के महावीर नगर के कपोल विद्यानिधि इंटरनेशनल स्कूल के अध्यापकों ने मानो सारी हदें पार कर दी है। पिछले साल अध्यापकों से प्रताड़ित होकर कुछ बच्चे अस्पताल के आईसीयू तक पहुंच गए थे। इस बात की शिकायत भी हुई थी जिस पर जांच भी हुई लेकिन कुछ नहीं हुआ। यह पढ़ने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों में डर इस कदर भर गया है कि वह सोचते हैं कि कैसे करके बच्चा यहां से शिक्षा पूरी कर ले बस।यहां पढ़ने वाले बच्चों के मुताबिक जो बच्चे कोचिंग नहीं जाते हैं उन्हें जानबूझकर फेल किया जाता है या डर दिखाकर अपने पास ट्यूशन के लिए मजबूर किया जाता है। इस बात की कई बार शिकायत प्रधानाचार्य से भी की जा चुकी है लेकिन अध्यापकों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा। अभिभावकों का कहना है कि लगता है कि स्कूल प्रबंधन भी ट्यूशन रैकेट में शामिल है यह सिर्फ इसी स्कूल का नहीं तो शहर भर मे ऐसे कई स्कूल है जहां इस तरह की रैकेट चल रहे है। इसी तरह स्कूल फीस के नाम पर नवी मुंबई के वाशी स्थित सेंट मैरिज स्कूल मे फीस नहीं जमा करने पर छात्रों को परीक्षा मे बैठने नहीं दिया गया था। लेकिन इस मामले मे स्कूल के तरफ से इस तरह की घटना से साफ इंकार किया है।
काउंसलिंग के नाम पर दोगुना वसूली
कांदिवली के रहने वाले शिकायरकर्ता विपुल शाह पिछले दो वर्षों से अधिक समय से शहर भर मे चल रहे फीस रैकट को लेकर लड़ाई शुरू किए है। विपुल शाह ने बताया कि उनके बेटे कपोल विद्यानिधि इंटरनेशनल स्कूल मे पढ़ते थे। कोविड के दौरान स्कूल से फीस मे छूट देने की मांग की गई थी। उस समय काम धंधा बंद होने के कारण आर्थिक तंगी आई थी। इसके बावजूद स्कूल के तरफ से बच्चों को लगातार परेशान किया जा रहा था। इस मामले मे जब डिटेल मे जानकारी निकाली तब खुलासा हुआ कि कॉउन्सलिंग फीस ओर लैब फीस आदि कई तरफ से फीस वसूल किया जा रहा है जिसके बाद सबसे पहले उप शिक्षणा अधिकारी से इस मामले मे शिकायत की गई थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं किया गया। जिसके बाद शिक्षण आयुक्त से शिकायत किया गया। इस मामले मे अब शिक्षण आयुक्त ने स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की है | इस मामले मे स्कूल प्रबंधक मे संपर्क कर प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की गई | लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।