मुंबई। रायगढ़ में बाल तस्करी(Child trafficking)करने गिरोह का पर्दाफाश करते हुए भोईवाड़ा पुलिस ने आठ व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है।इस गिरोह का असलियत तब सामने आया जब गोद लेने की अधूरी प्रक्रिया में एक बच्चे को स्वास्थ्य समस्याओं के कारण वाडिया अस्पताल से पुलिस स्टेशन भेजा गया था। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले को रायगढ़ पुलिस को स्थानांतरित कर दिया है ।
जांच में पता चला कि रायगढ़ के भरदखोल निवासी परशुराम चौगुले और शेवंती चौगुले शादी के 30 साल बाद भी निःसंतान थे।चौगुले की बहन लक्ष्मी पाटिल को इसकी जानकारी थी।उन्होंने उन्हें दीप्ति पावसे से मिलाया, जो बच्चे की देखभाल करने में असमर्थता के कारण अपने बच्चे को पहले 5 हजार रुपये में बेचना चाहती थी। पाटिल की मध्यस्थता से पावसे ने चंद्रकांत वाघमारे से बच्चा खरीदा था।हालांकि बाद में पावसे ने उसे 40 हजार रुपये में बेचने का फैसला किया।चौगुले 5,000 रुपये की अग्रिम राशि देकर बच्चे को खरीदने के लिए सहमत हो गए और शेष 35 हजार रुपये जून 2024 में देने की योजना बनाई थी।दुर्भाग्य सेबच्चा बीमार पड़ गया, जिसके कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया ।जहा इस बाल तस्करी गिरोह के योजना का खुलासा हुआ।जिसके बाद अस्पताल के तरफ से इसकी सूचना पुलिस को देते हुए शिकायत दर्ज कराई गई। इस मामले को रायगढ़ पुलिस को ट्रांसफर किया गया है ।