मुंबई । उत्तर भारत(Uttar pradesh)से मुंबई के तरफ आने वाली ट्रेनें यात्रियों से खचा खच भर कर आ रही है ।(RAILWAY) लोगो को टिकट नही मिल पा रहा है । इसका फायदा रेलवे टिकट दलाल उठा रहे है । रेलवे के कन्फर्म टिकट बनाने के लिए जालसाजों का मकड़जाल तोड़ने में रेलवे प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है अब जालसाजों ने मुंबई से कन्फर्म टिकट जारी करने की तरकीब निकाल ली है।आरपीएफ की कार्रवाई में दो एजेंट के हत्थे चढ़ने के बाद यह खुलासा हुआ है। एजेंट तत्काल प्लस और तत्काल प्रो प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर के मदद से तत्काल टिकट बुक कर रहे है ।
बतादे कि गर्मी में छुट्टियों में मुंबई से अधिकतर लोग अपने गांव के तरफ गए थे इसके साथ ही शादी का मौसम होने से लोग गए हुए ।अब गर्मी की छुट्टी समाप्त होने पर मुंबई के तरफ लौट रहे है जिसके कारण टिकट नही मिल पा रहा है ।लोग तत्काल टिकट के सहारे है ।इसका फायदा टिकट दलाल उठा रहे है ।गोरखपुर,लखनऊ ,वाराणसी,प्रयाग सहित उत्तर भारत के कई जिलों से मुंबई जाने का टिकट दलाल बुक करा रहे है। इन सभी दलालों का संपर्क मुंबई में बैठे दलालों से है ।आरपीएफ के तरफ से बताया गया कि हाल ही में एक दलाल ने गोरखपुर-पनवेल एक्सप्रेस से एसी सेकेंड का 3180 रुपये में तत्काल टिकट बनाकर मैसेज जाकिर नाम के यात्री को भेजा था। मुंबई के अधिकारियों को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अफसरों को जानकारी दी। ट्रेन में जांच करने अफसर पहुंचे तो जाकिर ने बताया कि उसने दलाल से मुंबई में टिकट बनवाया था। अधिकारी ने बताया कि कोच में 90 फीसद तत्काल टिकट मुंबई के रेल आरक्षण काउंटरों से बने मिले।रेलवे ने जाकिर से जुर्माना वसूल किया और इस पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मुंबई के अधिकारियों को दी गई।
पहले भी किए जा चुके है टिकट बरामद
सॉफ्टवेयर से तत्काल टिकट बनाने वालों का कारोबार खूब बढ़ रहा है।आरपीएफ क्राइम ब्रांच इस पर अंकुश लगाने के लिए प्रयास कर रही है। आरपीएफ ने कुछ समय पहले एक एजेंट शुभम कुमार को लखनऊ से पकड़ा गया था ।उसके पास से आगे की यात्रा का एक टिकट और इस्तेमाल हो चुके आधा दर्जन तत्काल टिकट बरामद किए थी।उसके पांच पर्सनल यूजर आईडी, लैपटॉप मोबाइल भी बरामद हुए थी।उसके साथ ही एक हॉस्टल से आरपीएफ ने अनुराग सिंह नाम के युवक को भी गिरफ्तार किया था। जिसके पास दो लाइव तत्काल टिकट और नौ इस्तेमाल हो चुके तत्काल टिकट बरामद किए गए थे। यह दोनो प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर तत्काल प्रो और तत्काल प्लस का इस्तेमाल कर टिकट निकलवाए थे।