मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को जानकारी होते ही तुरंत मिला सहारा
बच्चियों की सुरक्षा के लिए तत्काल किया इंतजाम
मुंबई। नासिक जिले की छह लड़कियां मुंबई के नायगांव में पुलिस भर्ती परीक्षा में शामिल हुईं। लेकिन दुर्भाग्य से, उन्हें नायगांव में अचानक आवास देने से मना कर दिया गया, जहां पुलिस भर्ती प्रक्रिया चल रही थी। भीड़ अधिक होने के कारण उन्हें वहाँ से भोर तक लौटा दिया गया। लेकिन उन्हें यह नहीं बताया गया कि कहां रहना है। ये बेचारी छह लड़कियां काफी देर से वहां इंतजार कर रही थीं लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली।
शाम को उन्हें नायगांव पुलिस भर्ती मैदान में रहने की जगह नहीं दी गई। जिसके बाद किसी ने उनसे एक अतिथि कक्ष में रहने के लिए 5,000 रुपये की मांग की।। वहीँ बैठ कर चिन्ता करने लगा कि आज की रात कहाँ बिताए। दादर प्लेटफार्म के बाहर एक पुलिस कांस्टेबल से पूछा गया तो उसने भी पूछताछ की लेकिन उसे बताया गया कि वह सिर्फ दो घंटे प्लेटफॉर्म पर बने रेस्ट रूम में रह सकते है।
उसी दौरान वहां से गुजर रही एक महिला पत्रकार अस्मिता ने इस घटना को देख लिया। इन लड़कियों से पूछताछ करने पर उन्हें यह सब समझ में आया, उन्होंने तुरंत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को फोन लगाया, लेकिन उनका फोन व्यस्त होने के कारण फोन सीधे उनके सरकारी आवास वर्षा में किया गया। वहां मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सचिव अमित बाराटे ने यह सब सुनते ही स्टेशन मास्टर अमित खरे और डिप्टी स्टेशन मास्टर पांडेय से फोन पर बात की और महिला प्रतीक्षालय में तत्काल व्यवस्था करने को कहा ताकि ये छह लड़कियां सुरक्षित रह सकती हैं और रात में आराम कर सकती हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके सचिव अमित बाराटे इन छह लड़कियों के सुरक्षा कवर के रूप में अपने कर्तव्य पर खरे उतरे। यह सुनकर इन छह लड़कियों और उनके माता-पिता का दिल टूट गया और उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और सचिव अमित बाराटे और रेलवे कर्मचारियों को धन्यवाद दिया। इन बच्चियों और उनके परिजनों ने कहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का धन्यवाद बहुत कम है।