मुंबई। लोकसभा चुनाव(Lok Sabha Elections)के प्रचार में महा विकास आघाड़ी का जोरदार तूफान दिखाई दे रहा है। इस तूफान से महायुती निस्तेज हो गई है। अजीत पवार गुट के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने कल इसे सार्वजनिक तौर पर कबूल किया। साथ ही नासिक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भुजबल कल चुनाव न लड़ने का फैसला करते हुए पीछे हट गए। उन्होंने कहा कि प्रत्याशी को तय करने में हो रहे विलंब के कारण मैंने पीछे हटना मुनासिब समझा। उन्होंने यह भी कहा कि इस देरी का झटका महायुती को लगेगा।
कल पत्रकार परिषद लेते हुए छगन भुजबल ने नासिक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव न लड़ने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नासिक में प्रत्याशी घोषित करने में बहुत देर हो रहा है। और इससे भ्रम की स्थिति पैदा होने की संभावना है, जो महायुती को नुकसान पहुंचा सकता है। इसी के चलते मैं पीछे हट रहा हूं। नासिक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए सुझाव दिए जाने के चलते प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आभार भी व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि महायुति में मेरा नाम तय हुए तीन हफ्ते बीत चुके हैं, लेकिन सीट बंटवारे की जानकारी की घोषणा नहीं की गई है। दूसरी ओर महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवारों की घोषणा हो गई और उनका प्रचार भी शुरू हो गया। भुजबल ने यह भी चेतावनी दी कि अभियान इतना आगे बढ़ गया है कि महायुति को नुकसान होने की संभावना है।
अमित शाह ने दिया मेरे नाम पर जोर
महायुति में सीट बंटवारे को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा हुई। उस वक्त अजीत पवार ने नासिक की मांग की थी। उन्होंने समीर भुजबल का नाम सुझाया था। अजीत पवार ने कहा था कि हमारे पूर्व सांसद समीर भुजबल यहां से चुनाव लड़ेंगे। भुजबल ने दावा किया कि लेकिन शाह ने जोर देकर कहा कि छगन भुजबल वहां से चुनाव लड़ाएं।
किसी को भी उम्मीदवारी दें, लेकिन 20 तारीख तक
नासिक लोकसभा क्षेत्र के लिए उम्मीदवार के बारे में तुरंत निर्णय लिया जाना चाहिए। छगन भुजबल ने भी महायुति को सलाह दी है कि किसी भी पार्टी को उम्मीदवारी दें, लेकिन 20 अप्रैल तक उम्मीदवार की घोषणा कर दें।