मुंबई। मैंने रिश्ते और पद का सम्मान किया। यह तय हुआ था कि मैं बाहर का देखूंगी और वे यहां सब ध्यान देंगे। इन शब्दों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने कल एक बार फिर उप मुख्यमंत्री अजीत पवार की बगावत पर अफसोस जताया। सुप्रिया सुले ने कल बारामती में प्रचार का नारियल तोड़ा। उन्होंने अपने अभियान की शुरुआत कन्हेरी में मारुति मंदिर के दर्शन से की। इसके बाद हुई सभा में सुप्रिया सुले बोल रही थीं।
इस मौके पर बोलते हुए सुप्रिया सुले ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अभी कुछ लोगों ने मुझसे कहा कि मैं बारामती कम आती हूं। लेकिन उसके पीछे भी एक वजह थी। हममें तय हुआ था कि मैं दिल्ली में रहूंगी और बाकी काम यहां के लोग करेंगे। मैंने रिश्ते का सम्मान किया, पद का सम्मान किया। लेकिन अब हरि मुख कहो हरि मुख कहो। उन्होंने कहा कि हुआ गया गंगा में बहा। लेकिन अब हमें बदलाव लाना होगा। हमारी लड़ाई वैचारिक है, व्यक्तिगत नहीं।
अमेरिका तक पहुंची शरद पवार की ताकत
उन्होंने आगे कहा कि मेरे काम और योग्यता को देखते हुए मुझे मौका दें। बारामती चुनाव की आंच अमेरिका तक पहुंच गई है। न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकार दो दिनों से बारामती में हैं। वे इस देश के लोकसभा चुनाव को कवर करने आए हैं और दो दिनों से एक ही संसदीय क्षेत्र में घूम रहे हैं। यह बारामती लोकसभा क्षेत्र है। इसका मतलब है कि अब शरद पवार की ताकत बारामती जिले, राज्य या देश तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे अमेरिका तक पहुंच गई है।
सभी विरोधियों को भेजेंगे किताब
सुप्रिया सुले ने विरोधियों को कड़ा जवाब देते हुए कहा कि मैंने दस वर्षों में जो किया है, उसके लिए मेरी आलोचना की जाती है। मैं उन सभी को किताब भेजूंगा। इसमें मेरी पांच साल की कार्य योजना शामिल है। सुप्रिया सुले ने कहा कि सभी विरोधियों से अनुरोध है कि वे समय निकालें और इस पुस्तक को पढ़ें।
झगड़ा लगाकर दिल्ली में बैठ कर देख रहे मजा
उन्होंने मोदी सरकार की भी आलोचना की है। सुले ने कहा कि एक तरफ वे संसद रत्न देते हैं और दूसरी तरफ वे मुझे निलंबित कर देते हैं। भले ही मुझे फांसी हो जाए, मैं प्याज की गारंटी मूल्य की मांग करते रहूंगी। उन्होंने आगे कहा कि आपस में झगड़ा लगाकर अब वे दिल्ली में बैठकर मजा देख रहे हैं।