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Covaxin dose expired: एक्सपायरी डेट खत्म, कोरोना वैक्सीन का 8 हजार डोज बर्बाद, मनपा के सेंटरों पर बंद होगा टीकाकरण

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मुंबई। कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या से हर किसी की टेंशन बढ़ गई है (Covaxin dose expired)। वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ (Health specialist) कोरोना से बचाव के लिए टीके की प्रिकाशन’ डोज तत्काल देने के सुझाव दे रहे हैं। इन सबके बीच सबसे चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आ रही है कि मनपा के पास मौजूद कोवैक्सिन(  Covaxin)के करीब 8 हजार डोज ‘एक्सपायरी डेट’ (Expiry date’) खत्म होने की वजह से बर्बाद हो गई हैं। इससे साफ हो गया है कि मनपा के टीकाकरण सेंटरों पर टीकाकरण रूक जाएगा। एक तरफ डोज न मिल रही है तो वहीं मनपा और राज्य सरकार की लापरवाही से हजारों डोज बर्बाद हो गए।

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मार्च 2020 में कोरोना के मुंबई में दस्तक देने के एक साल बाद 16 जनवरी 2021 से कोरोना के खिलाफ टीकाकरण शुरू हुआ। इसमें 92 लाख पात्र लाभार्थियों को दो खुराक दी जा चुकी है। लेकिन कोरोना की पूर्ण रोकथाम के लिए प्रिकाशन खुराक अनिवार्य किए जाने से जनवरी 2022 से बूस्ट डोज शुरू की गई। इसमें पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को मनपा द्वारा डोज दिया गया। इसके बाद निजी अस्पतालों को भी प्रिकाशन डोज देने की इजाजत दे दी गई। लेकिन अब तक केवल 15 प्रतिशत लाभार्थियों ने ही बिस्तर डोज ली है। ऐसे में पूरे देश में एक बार फिर मरीजों के बढ़ने से तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। कहा जा रहा है कि सरकारी योजना और प्रभावी जन जागरूकता की कमी के कारण ये खुराक बर्बाद हो रहे हैं।

टास्क फोर्स की सिफारिशों पर सरकार की अनदेखी

मनपा के पास केवल कोवैक्सिन टीके की डोज ही बची थी। कोविशील्ड या कार्बोवैक्स की खुराक उपलब्ध न होने से मनपा पहले ही खुराक उपलब्ध कराए जाने के लिए राज्य सरकार से फॉलो उप कर चुकी है। लेकिन इसे लेकर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इसके अलावा राज्य की ‘टास्क फोर्स’ ने भी राज्य सरकार को प्रिकाशन डोज देने के निर्देश दिए। लेकिन सरकार ने अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की है। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि क्या सरकार कोरोना की स्थिति गंभीर होने का इंतजार कर रही है।

निजी अस्पतालों में भी भीड़ हुई कम

मुंबई के निजी अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन की डोज 250 से 700 रुपए तक दी जा रही थी। लेकिन यह बात सामने आई है कि कई निजी अस्पतालों को पैसा देने के बाद भी डोज नहीं मिल रही है। मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण जहां सरकार-मनपा निजी अस्पतालों में 10 फीसदी कोविड बेड लगाने का निर्देश दे रही है। वहीं वैक्सीन की डोज उपलब्ध नहीं करा पाना हैरानी की बात है।

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