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BMC:मुंबईकरों पर संपत्ति कर वृद्धि का संकट, तीन सालों से प्रलंबित दर वृद्धि के लिए मनपा की तैयारी, जोरदार विरोध होने की संभावना

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मुंबई। (BMC)आम आदमी दिन-ब-दिन बढ़ती महंगाई से जहां त्रस्त हो चुका है, वहीं अब मनपा ने प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी है। ऐसे में मुंबईकरों पर संपत्ति कर वृद्धि का संकट छाने लगा है। दूसरी ओर महानगरपालिका अधिनियम के अनुसार हर पांच वर्ष में होनेवाली कर वृद्धि पिछले तीन वर्षों से नहीं की गई है। इसलिए 2023-2025 के लिए कर बढ़ाने की कार्रवाई शुरू की गई है। यह वृद्धि लगभग 15 प्रतिशत होने की संभावना है। मनपा ने दरें तय करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट की नियुक्ति के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं। हालांकि इस कीमत बढ़ोतरी का विरोध होने की भी आशंका है।

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मुंबई में हर पांच साल में प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाया जाता है। साल 2015 में प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाया गया था। हालांकि साल 2020 में बढ़ोतरी की उम्मीद थी, लेकिन कोरोना संकट के कारण 2020 और 2021 में कोई टैक्स बढ़ोतरी नहीं हुई। साल 2022 में मनपा चुनाव की संभावना के कारण इस कर वृद्धि को टाल दिया गया। लेकिन मौजूदा स्थिति में यह साफ हो गया है कि मनपा द्वारा टैक्स बढ़ोतरी किए जाने से मुंबईकरों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा। मनपा ने 2023 से 2025 तक दो साल के लिए टैक्स बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच मनपा अधिकारियों की एक आंतरिक समिति होती है, जो यह तय करेगी कि किस आधार पर टैक्स बढ़ोतरी की जाए। यह समिति अध्ययन कर नियमावली तैयार करती है। इस समिति में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (मूल्यांकन विशेषज्ञ) को आमंत्रित सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाता है, क्योंकि कर वृद्धि का मनपा की वित्तीय स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ सकता है, इसका निष्पक्ष अध्ययन करना आवश्यक है। इसके लिए अकाउंटेंट नियुक्त किया जाएगा और 38.15 लाख रुपए की निविदा आमंत्रित की गई है।

रेडी रेकनर के अनुसार होगी दर वृद्धि

अगले दो साल यानी साल 2023 से 2025 तक टैक्स बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। इसका मसौदा मनपा के कर मूल्यांकन और संकलन विभाग द्वारा तैयार किया जा रहा है। मनपा अधिनियम हर पांच साल में 40 प्रतिशत कर वृद्धि का प्रावधान करता है। हालांकि, कर मूल्यांकन व संकलन विभाग का कहना है कि सामान्य तौर पर 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा रही है, ताकि नागरिकों पर अधिक बोझ न पड़े। संपत्ति कर में वृद्धि उस क्षेत्र की रेडिरेकनर दर के अनुसार तय की जाएगी। इस बीच आनेवाले समय में मनपा, लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह दर वृद्धि तुरंत या चुनाव के बाद लागू की जाएगी।

ऐसी है स्थिति

संपत्तिकर धारक : ४.२० लाख
निवासी : १.३७ लाख
व्यावसायिक : ६५ हजार से अधिक
औद्योगिक : छह हजार
भू-भाग और अन्य : १२ हजार

(प्वाइंटर)
– मनपा ने साल २०१० से निवेश मूल्य पर आधारित कर प्रणाली स्वीकार की।
– सन २०२३-२४ में संपत्ति कर से अपेक्षित आय : ६ हजार करोड़

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