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MURDER: पुलिस कांस्टेबल की मौत का गहराया रहस्य, मृत्यु से पहले दिए बयानों और प्राथमिक जांच मे विसंगति

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मुंबई। मुंबई पुलिस की सशस्त्र शाखा में तैनात पुलिस कांस्टेबल विशाल पवार की मौत का रहस्य गहराता जा रहा है। पुलिस की शुरुआती जांच में पुलिस आशंका जता रही है कि विशाल पवार ने फटका गैंग और जहरीले इंजेक्शन की कहानी गढ़ी है जांच टीम को इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि सायन माटुंगा के दौरान ऐसी कोई घटना हुई थी| प्राथमिक जांच मे खुलासा हुआ है कि घटना का जो समय है उस समय कही ओर था | फिलहाल जांच शुरू है |

मुंबई पुलिस सशस्त्र शाखा के पुलिस कांस्टेबल विशाल पवार (30) की बुधवार को ठाणे के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इलाज के दौरान पवार ने कोपरी पुलिस स्टेशन को दिए अपने बयान में चौंकाने वाली जानकारी दी थी।पुलिस को बताया था कि ट्रेन में सफर के दौरान 27 अप्रैल के रात 9:30 बजे सायन-माटुंगा रेलवे स्टेशन के बीच फटका गैंग ने उनके हाथ पर हमला किया और उनका मोबाइल फोन गिरा दिया और मोबाइल फोन लेकर भागते वक्त उन्होंने ट्रैक पर छलांग लगा दी। मोबाइल चोरों का पीछा किया तभी फटका गैंग ने उसके साथ मारपीट कर जहरीला इंजेक्शन लगा दिया और लाल रंग का कोई पदार्थ पीला दिया। इसके बाद पवार बेहोश हो गए और आधी रात तक ट्रैक के किनारे पड़े रहे| इसके बाद उठकर माटुंगा रेलवे स्टेशन पहुंचे और सुबह की ट्रेन पकड़कर 11:30 बजे अपने घर ठाणे कोपरी चले गए। विशाल पवार ने कोपरी पुलिस को बताया कि उसे रात में उल्टी होने लगी और उसके चचेरे भाई ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान बुधवार को विशाल पवार की मौत हो गई। कांस्टेबल विशाल पवार की चौंकाने वाली मौत ने पूरे पुलिस विभाग को झकझोर कर रख दिया और मामले को आगे की जांच के लिए दादर रेलवे पुलिस स्टेशन को भेज दिया गया। दादर रेलवे पुलिस ने कोपरी पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले को बढ़ाकर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है रेलवे पुलिस की ओर से 6 टीमें बनाई गईं और शहर पुलिस की भी मदद ली गई।

 

जांच में क्या आया सामने?

जब जांच टीम ने घटना वाले दिन ठाणे और भायखला के बीच सभी सीसीटीवी फुटेज की जांच की तो आधी रात से सुबह तक विशाल को माटुंगा रेलवे स्टेशन पर कहीं नहीं देखा गया था। इसके अलावा घटना की रात 11:56 बजे पवार को दादर रेलवे स्टेशन के बाहर कैलास लस्सी में सीसीटीवी फुटेज में देखा गया था और 11:56 बजे उन्होंने अपने मोबाइल फोन से अपने चचेरे भाई को आखिरी कॉल की थी, जिसके बाद पवार का मोबाइल फोन बंद हो गया । अगले दिन, वह सुबह 11 बजे माटुंगा रेलवे स्टेशन पर ठाणे जाने वाली ट्रेन पकड़ते हुए पाया गया। फिर दोपहर 12 बजे पवार घर के पास लगे सीसीटीवी में दिखे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इन सभी सीसीटीवी फुटेज में पवार को ठीक से घर जाते देखा जा सकता है और घर जाने से पहले उसने एक अजनबी के मोबाइल फोन से अपने भाई को फोन किया था और बताया था कि वह घर आ रहा है पुलिस जांच में पता चला है कि घटना की रात विशाल पवार माटुंगा स्टेशन पर मौजूद नहीं थे और वह रात 11:56 बजे दादर रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी में नजर आ रहे हैं, रात 11:56 बजे उनके मोबाइल फोन से उनके भाई को कॉल का मतलब है कि रात 11:56 बजे तक उनका मोबाइल फोन उनके पास था, फिर उन्होंने अपने बयान में घटना का समय रात 9:15 बजे बताया, इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका मोबाइल फोन चोरी हो गया था, लेकिन उस समय उनका मोबाइल फोन उनके पास था। रात 11:56 बजे पुलिस की समग्र जांच और विशाल पवार द्वारा कोपरी पुलिस को दिए गए बयान में काफी अंतर पाया गया है। जांच कर रही पुलिस टीम को शक है कि पवार ने कोपरी पुलिस स्टेशन में जो बयान दिया है, वह मनगढ़ंत कहानी हो सकती है उन्होंने यह कहानी क्यों बनायी? साथ ही पुलिस ने अनुमान लगाया है कि घर आने के बाद उनके साथ आखिर क्या हुआ, अचानक उनकी हालत कैसे बिगड़ी और उनकी मौत किस वजह से हुई, इन सभी सवालों के जवाब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद सामने आ जाएंगे। विशाल पवार के शव का पोस्टमार्टम ठाणे सिविल अस्पताल में किया गया है और उनकी रिपोर्ट सुरक्षित कर ली गई है।

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