मुंबई – मुंबई में रहनेवाली ६२ वर्षीय महिला ने बेरियाट्रिक सर्जरी(Bariatric surgery)के जरिए एक साल में ३५ किलो वजन कम किया है। सर्जरी से पहले इस महिला का वजन १३६ किलो था। अब इस महिला का वजन बढ़कर १०१ किलो हो गया है। लीलावती अस्पताल(Lilavati Hospital)के बेरियाट्रिक सर्जन डॉ. शशांक शाह ने यह सफल सर्जरी की है।
पार्वती वेणुगोपालन ने वजन कम करने के लिए कई बार कोशिश की लेकिन असफल रही। वजन बढ़ने के कारण वह चल भी नहीं पा रही था। २०२० में वह घरपर आधार के साथ चल रही थी। हालांकि घर में चलते-फिरते भी उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। उन्हें अपने दैनिक कामों के लिए अपने परिवार पर निर्भर रहना पड़ता था। बिगड़ती सेहत को देखकर उन्होंने लीलावती अस्पताल के डॉ. शशांक शाह से संपर्क किया। डॉक्टरों ने उन्हें बेरियाट्रिक सर्जरी कराने की सलाह दी थी। इस हिसाब से इस सर्जरी के बाद इस महिला का करीब ३५ किलो वजन कम हो गया है। इतनी उम्र में बेरियाट्रिक सर्जरी बहुत मुश्किल होती है। क्योंकि कम उम्र के लोगों की तुलना में जादा उम्र रहनेवाले लोगों के लिए वजन घटाना ज्यादा मुश्किल होता है।
Road scam in Bmc: मनपा में सड़क घोटाले की लोकायुक्त से जांच हो, आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल से की मांग
मुंबई के लीलावती अस्पताल में बेरियाट्रिक सर्जन डॉ शशांक शाह ने कहा, “महिला को इलाज के लिए व्हीलचेयर पर अस्पताल लाया गया था। उसे गंभीर स्लीप एपनिया और पैर में सूजन थी। अधिक वजन के कारण महिला न तो बैठ सकती थी और न ही खड़ी हो सकती थी। वह बिना किसी सहारे के अपने पैरों पर नहीं चल सकती थी। ऐसे में वजन कम करने के लिए बेरियाट्रिक सर्जरी बेहद जरूरी थी। पहले १० दिनों में उन्होंने १० किलो वजन कम किया है। और इसके बाद इस महिला ने ३५ किलो तक वजन घटा लिया है। इस सर्जरी के बाद महिला की स्लीप एपनिया नियंत्रण में आ गई है। इतना ही नहीं अब यह महिला बिना किसी सहारे के अपने पैरों पर चलने लगी है।’
डॉ. शाह ने आगे कहा, “आसीन जीवन शैली, व्यायाम की कमी और जंक फूड का सेवन मोटापे की समस्या को बढ़ा रहा है। वजन बढ़ने का एक कारण तनाव भी हो सकता है। मोटापा हृदय रोग और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, मोटापे से गंभीर बीमारी और मृत्यु होने की भी अत्यधिक संभावना होती है। इसलिए वजन घटाने के लिए बेरियाट्रिक सर्जरी ही एकमात्र विकल्प है।’’
मरीज पार्वती वेणुगोपालन ने कहा, “बढते वजन के कारण मैं दैनिक गतिविधियां नहीं कर पाती थी। मैं बहुत निराश थी। लेकिन बेरियाट्रिक सर्जरी के बाद मेरी जिंदगी बदल गई है। इस सर्जरी के बाद मैंने एक साल में ३५ किलो वजन कम किया है। अब मैं अपने पैरों पर फिर से चलने लगी हुं। इतना ही नही बल्कि मैं जगन्नाथ मंदिर तक चढ़ने में सफल रही हूं। जो मेरे लिए सपने के सच होने जैसा था। मुझे नया जीवन देने के लिए मैं डॉक्टर को धन्यवाद देती हूं। अब मैं और वजन कम करने की कोशिश करूंगी।”