मुंबई। मनपा में पिछले 6 से 7 महीनों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। सड़क बनाने के काम में बड़ा घोटाला (Road scam in Bmc) हुआ है। इसकी शिकायत करने के बाद भी मनपा प्रशासन ने किसी तरह की कार्यवाही नहीं की। इसलिए राज्यपाल इस मामले में गंभीरता पूर्वक ध्यान देते हुए मुंबई में सड़क घोटाले और अन्य भ्रष्टाचार की लोकायुक्त से जांच कराने का निर्देश दें, ऐसी मांग शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष नेता व विधायक आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल रमेश बैस से की। शिवसेना पदाधिकारियों का शिष्टमंडल लेकर आदित्य ठाकरे ने कल राजभवन में राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की और इस संदर्भ में निवेदन किया।
मुंबई महानगर पालिका के प्रशासक का तानाशाही व्यवहार और खुले तौर पर हो रहे भ्रष्टाचार दोनो चिंता का विषय बना हुआ है। आर्थिक प्रबंधन, मनमर्जी से ठेकेदारों को दिए जा रहे काम, सड़क निर्माण के पीछे मेगा टेंडर घोटाला, कंक्रीट घोटाला, स्ट्रीट फर्नीचर घोटाला, सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन घोटाला ऐसे घोटाले को लेकर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं एवं लोक प्रतिनिधियों ने भी शिकायत की थी। मुंबईकरों ने भी इस संदर्भ में कई प्रश्न उपस्थित किए। लेकिन महानगर पालिका के प्रशासक इकबाल सिंह चहल की ओर से किसी भी प्रकार का उत्तर नहीं दिया गया। ऐसा निवेदन में बताया गया है।
आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से संवाद साधते हुए कहा कि मुंबई में घोटाला की तमाम जानकारी राज्यपाल को आज दी गई। 400 किलोमीटर के कुल 900 सड़कों का कंक्रीटिकरण करने के लिए जनवरी में टेंडर निकाला गया था लेकिन अब तक 10 सड़क का भी शुरू नहीं किया गया है। ऐसा बोलते हुए उन्होंने इस रैकेट में मुख्यमंत्री के करीबी को जुड़े होने का आरोप लगाया। एक कंपनी से कंक्रीट खरीदने के लिए दबाव के चलते मुंबई के गोखले रोड, डिलाइल रोड आदि का काम 3 सप्ताह से बंद है। स्ट्रीट फर्नीचर का काम 160 करोड़ से बढ़ाकर 263 करोड़ का कर दिया गया। मुख्यमंत्री अब करप्टमैन हो गए हैं।
इस मौके पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)
पक्ष के नेता व सांसद अरविंद सावंत, पक्ष के सचिव व सांसद अनिल देसाई, सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, उप नेता सचिन अहिर, विधायक अनिल परब, सुनील प्रभु, सुनील शिंदे, अजय चौधरी, बिलास पोतनीस, संजय पोतनीस, राजन सालवी, रुतुजा लटके, रमेश कोरगांवकर, प्रताप फ़ातेर्पेकर आदि साथ थे।
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