ठाणे। रेत माफियाओं के उत्पात से सेंट्रल रेलवे लाइन पर भयानक हादसा होने की आशंका है। वन विभाग की ओर से कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि मुंब्रा खाड़ी में अवैध रेत खनन से मुंब्रा और दीवा के बीच ट्रकों के नीचे की मिट्टी ढह गई है और ट्रेन दुर्घटना की चेतावनी दी गई है। इसे गंभीरता से लेते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज सेंट्रल रेलवे, मुंब्रा पुलिस और ठाणे जिला प्रशासन को चेतावनी जारी की। ध्यान रखें कि यात्रियों के हाथ-पैर सही सलामत रहें। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया है कि रेलवे प्रबंधक तुरंत निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करें।
मुंब्रा और दीवा के बीच ट्रकों द्वारा रेलवे यातायात बड़ी मात्रा में और तेज़ गति से किया जाता है। इससे यहां के रेलवे खंभों को पंप किया जाता है। रेलवे ट्रकों के पास चल रहे बालू खनन के कारण यहां की जमीन धीरे-धीरे कटती जा रही है। इसका खतरा रेलवे ट्रक में फिट बैठ रहा है. रेल दुर्घटना की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। मार्च 2023 में वन विभाग ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर चेतावनी दी थी कि अगर कोई दुर्घटना होती है तो इसका असर सिर्फ रेलवे पर ही नहीं बल्कि रेल यात्रियों की जिंदगी पर भी पड़ेगा। लेकिन उसके बाद भी यहां रेत खनन बंद नहीं हुआ है। याचिकाकर्ता गणेश पाटिल ने कोर्ट में दावा किया कि यह यहां के रेलवे ट्रकों और यात्रियों के लिए खतरे की घंटी है।कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया।अदालत ने आदेश दिया कि ठाणे कलेक्टरेट को यह सुनिश्चित करने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए कि सरकारी संपत्ति को नुकसान न हो, और नागरिकों की सुरक्षा का ख्याल रखें और उनके अंग बरकरार रहें।
कोर्ट ने याचिका में सेंट्रल रेलवे के महाप्रबंधक को प्रतिवादी बनाने का आदेश दिया है। महाप्रबंधक को मौके पर जाकर घटना का निरीक्षण कर जानकारी कोर्ट को सौंपनी चाहिए। अजय गड़करी और श्री. शर्मिला देशमुख की पीठ ने आदेश में कहा। अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी। पाटिल ने मांग की है कि मुंब्रा-दिवा के बीच चल रहे रेत खनन को रोका जाना चाहिए।