मुंबई। मुंबई में लोगों के टेंशन को बढ़ाने में ट्रैफिक जाम भी जबरदस्त किरदार निभा रहा है। जाम में फंसने के कारण मुंबईकर व्याकुल (Traffic makes effect on health) हो जाते हैं और जबरदस्त मानसिक तनाव (Mental stress) का सामना करते हैं। चिकित्सकों.(physicians)के अनुसार इस स्थिति के कारण उसके सोचने व निर्णय लेने की क्षमता पर असर पड़ता है। इससे गुस्सा बढ़ता है जो बीपी पर असर डालता है। यही वजह है कि अक्सर ट्रैफिक जैम में फंसने वाले लोग चिड़चिड़े हो जाते हैं या फिर वर्क में अपना सौ फीसदी नहीं दे पाते हैं।
ट्रैफिक जाम में फंसने के बाद बढ़ते तनाव पर कहते हुए न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. निर्मल सूर्या ने कहा कि मुंबई भागदौड़ वाला शहर है। यहां नौकरीपेशा लोगों को काम पर समय पर पहुंचना रहता है। ऐसे में यदि वे मुंबई की ट्रैफिक जाम में फंस जाते हैं तो वे कार्यालय और जरूरी स्थानों पर समय पर नहीं पहुंच पाते हैं। इस परिस्थिति में तय शेडयुल्ड बिगड़ जाता है। जरूरी मीटिंग का भी समय गड़बड़ा जाता है। कई मामलों में ट्रैफिक में अटकने से कमिटमेंट नहीं पूरा हो पाता है। वहीं देरी के चलते साथ ही कामकाजी लोगों को कार्यालय में पहुंचने के बाद बॉस की फटकार भी सहनी पड़ती है। कई मामलों में देखा जाता है कि जाम में फंसने से लोगों की ट्रेनें और फ्लाइट छूट जाती हैं। इसके अलावा कुछ लोगों को तो फाइनेंशियल हानि तक का भी सामना करना पड़ता है। दूसरी तरफ वाहन चलाने वाले लोगों के कांस्ट्रेशन पर भी बिगड़ने से उनके काम पर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक के चलते लोगों के बर्ताव में परिवर्तन और फ्रस्टेशन दिखाई देता है। हालांकि जाम की समस्या का सामना करने के सिवाय उनके पास कोई चारा नहीं हैं।
यह होती है बीमारी
डॉ. निर्मल सूर्या ने कहा कि ट्रैफिक जाम में बार-बार फंसने से आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। इसके अलावा वे डिप्रेशन, ब्लड प्रेशर, स्ट्रेस से संबंधित कई बीमारियां, एंजाइटी के साथ ही साइकोलॉजिकल दिक्कतों की समस्या पैदा होती है। एक अध्ययन के मुताबिक एक घंटे से ज्यादा ट्रैफिक जाम में फंसने पर दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसकी सबसे बड़ी वजह गाड़ी से निकलने वाला धुआं, शोर-शराबा और तनाव है।
प्लान करके निकलें
डॉ. सूर्या ने कहा कि घर से निकलते समस्त पहले से ही प्लान करके निकलें। यदि लगता है कि ट्रैफिक जाम में फंस सकते हैं तो गुगल मैप का सहारा लें। यह करीब-करीब सही जानकारी उपलब्ध कराती है। इसके साथ ही रोजाना योगा और मेडिटेशन और रिलैक्सेशन करना चाहिए। यदि तनाव और ट्रैफिक से बचाना है तो सुबह जल्दी घर से निकलें। सुबह आठ बजे ट्रैफिक मुंबई की अधिकांश सड़कों पर ट्रैफिक जाम कम रहता है।
शहर के नासूर बना जाम
समाजसेवी विनयकुमार सिंह ने कहा कि शहर के लिए नासूर बना जाम लोगों को बीमार कर रहा है। जाम फंसकर मुंबईकर ब्लड शुगर हाई हो जा रही है। इससे शरीर के दूसरे अंगों पर असर आ रहा है। खासतौर पर जाम में फंसने पर विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे रोगियों को और अधिक खतरा हो जाता है।
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