खाद्य तेल की कीमतों भारी गिरावट
मुंबई ।अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) महाराष्ट्र प्रदेश महामंत्री शंकर ठक्कर ने बताया कि अब गृहणियों के लिए राहत भरी खबर है। पिछले सप्ताह में लगातार अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजारों में खाने के तेल की कीमतें गिर रही है जिससे त्योहारी सीजन में गृहणियों को बड़ी राहत मिलेगी। पिछले 1 सप्ताह के भीतर पामोलिन तेल मैं ₹10 प्रति किलो, सनफ्लावर तेल में ₹3 प्रति किलो एवं सरसों तेल में ₹4 प्रति किलो तक की गिरावट दर्ज की गई है।
इसी तरह सोयाबीन तेल में ₹2 प्रति किलो,सिंग तेल की कीमत में ₹3 रुपये प्रति किलो और कपास (बिनोला) के तेल की कीमत में 1 रुपये की कमी आई है।आगे कहा महंगाई के दौर में गृहिणियां और मध्यम वर्ग खाद्य तेल कम कीमत पर खरीदना पसंद करते हैं ताकि वे अपने घरेलू बजट को महंगाई में सेट कर सकें।
गौरतलब है कि कोरोना कल शुरू होने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में खाने के तेल की कीमतें आसमान छूने लगी थी और दाम आज तक के सब रिकॉर्ड तोड़ कर सर्वोत्तम ऊंचाई पर चले गए थे जिससे गृहिणीओ को अपना रसोई का बजट बनाने में बहुत सारी दिक्कतें आ रही थी इसके साथ साथ आम जनता को लगातार महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। पेट्रोल डीजल, गैस और सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी के मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए अब घर चलाना मुश्किल हो रहा है। महंगाई के दौर में गृहणियां और मध्यम वर्ग चाहते हैं कि अगर खाद्य तेल के दाम में थोड़ी सी भी कमी आती है तो वे अपने घरेलू बजट को महंगाई में सेट कर सकते हैं ।हाल ही में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित बैठक में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में खाद्य तेलों के दाम गिरने के मुकाबले घरेलू बाजारों में दाम नहीं गिर रहे हैं इस विषय पर चिंता जताई थी। इस बैठक में उपस्थित शंकर ठक्कर ने सुझाव दिया था की यदि आयातकों द्वारा दाम कम नहीं किए जाते तो भारत सरकार खुद कम दामों पर तेल आयात कर त्योहारी सीजन में उपलब्ध कराएं जिससे आम जनता को राहत मिल सके। और खाद्य तेल पर लगी स्टॉक सीमा हटाने की मांग की क्योंकि स्टॉक सीमा दाम बढ़ने पर लगाई गई थी अब जबकि दाम काफी गिर चुके हैं तो इसे तुरंत हटाना चाहिए जिससे आपूर्ति बाधित ना हो।