पानी की किल्लत से दिवा परेशान, डेढ़ सालों से नहीं बुझ रही प्यास
ठाणे। राज्य के मुख्यमंत्री(state chief minister) का गृह क्षेत्र ठाणे जिले के दिवा में जलापूर्ति(water supply)की गंभीर समस्या से जनता जूझ रही है। दिवा के कई परिसरों में पानी के लिए हाहाकार की स्थिति बनी हुई है। लोग पानी के एक एक बूंद के लिए तरस रहे है यहाँ की जनता हैंडपंप और टैंकर के सहारे निर्भर है ।जिसका फायदा कुछ टैंकर माफिया भी उठा रहे है।इसको लेकर अब नागरिकों मे काफी नाराजगी व्यक्त किया जा रहा है।(People yearning for a drop of water)
दिवा विभाग मे लगभग एक करोड़ से अधिक संख्या है इसके बावजूद यहा सालों से पानी आपूर्ति की समस्या है। लोगों ने निजी खर्च कर नल लगाए। लेकिन डेढ़ साल के बाद भी नल में पानी नहीं आया। इस परिसर में लोग पानी के लिए परेशान रहते हैं। विदित हो कि यहां के लोग पानी समस्या को लेकर लगातार विरोध आंदोलन करते रहे हैं। इतना ही नहीं ठाणे मनपा मुख्यालय हो या फिर दिवा प्रभाग समिति कार्यालय लगातार विरोध आंदोलन किया जा रहा है।
करोड़ रुपये खर्च किए जाने के बावजूद समस्या जस की तस
इस बारे में जानकारी देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अमोल केंद्रे का कहना है कि यहां के लोग गत एक साल से अधिक समय से पानी की समस्या झेल रहे हैं। लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि विधायक ,सांसद हो या फिर ठाणे मनपा के अधिकारी, उन्होंने कभी भी उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया। जिस कारण स्थानीय लोग परेशान हैं ।केंद्रे ने इस बात का भी जिक्र किया कि दिवा में इस समय जलापूर्ति की गंभीर समस्या है। कई कई दिनों तक पानी नहीं आता। साथ ही वितरण व्यवस्था नहीं होने के कारण भी सामान्य नागरिकों को पानी नहीं मिलता है। दुख की बात है कि जलापूर्ति लाइन बिछाने के लिए तो करोड़ों की रकम पहले ही उपलब्ध कराई गई है, लेकिन आज तक दिवा शहर में इस काम को पूरा नहीं किया जा सका है।
टैंकर माफिया को दिया जा रहा पनाह
अमोल केंद्रे ने बताया कि यहां टैंकर माफिया सबसे अधिक सक्रिय है | इन टैंकर माफिया को पनाह देने के लिए अधिकारियों की मिलीभगत से जलापूर्ति की समस्या को नजरअंदाज किया जा रहा है | जिसका फायदा टैंकर माफियाओं को होता है |
कर रहे पलायन की बात
दिवा मे पानी की समस्या से परेशान नागरिक हैंडपंप से पानी निकालने की कोशिश करते है लेकिन उसमे भी बूंद बूंद पानी आने से काफी परेशान है । सुबह बच्चों को स्कूल जाते समय या नागरिकों को ऑफिस जाते समय यह समस्या सबसे अधिक होता है सबसे अधिक दुख तब होता है जब हजारों रुपया खर्च करने के बाद भी उनकी नलों ने पानी उगलना शुरू नहीं किया। लोगों ने पानी के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन पानी नहीं आया। आखिरकार कुछ लोगों ने पीने के लिए पानी खरीदना शुरू कर दिया। स्थिति यह हो गई है कि पानी बेचने वाले खुद पानी की कमी का रोना रोकर पानी देने से इंकार कर रहे हैं।पानी की कीमतों मे भी बढ़ोतरी कर दिए है ऐसे मे दर्जनों ऐसे लोग हैं जो अब दिवा छोड़ने की बात करने लगे है |
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