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डेस्टिनेशन शादियों के लिए देश में ही सैंकड़ों स्थान उपलब्ध

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प्रधानमंत्री मोदी के चिंता व्यक्त करने के बाद देश भर में डेस्टिनेशन शादियों को लेकर मंथन शुरू

मुंबई। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 नवम्बर को अपने मन की बात कार्यक्रम में विदेश में डेस्टिनेशन शादियों पर जिस तरह गंभीरता से चिंता की गई, वो देश भर में लोगों के मन एवं मस्तिष्क में बैठ गई है और मुंबई सहित देशभर में इस पर न केवल मीडिया में बल्कि आम लोगों के बीच एक चर्चा शुरू हो गई है।

विदेशों में भारतीय लोगों द्वारा डेस्टिनेशन शादियों के बारे में अभी तक कोई अधिकृत सर्वे नहीं हुआ है, इसलिए यह अन्दाज़ लगाना मुश्किल हैं कि यह कारोबार कितना होगा लेकिन फिर भी प्रधानमंत्री मोदी के वक्तव्य के बाद जब मामले को खंगालने की कोशिश हुई तो यह मोटा अनुमान निकलता है कि प्रतिवर्ष लगभग 5 हज़ार डेस्टिनेशन शादियाँ विदेशों में होती होंगी जिसमें लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया जा सकता है ।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा व्यक्त की गई अपनी मन की बात में विदेश में डेस्टिनेशन शादियों पर जो चिंता व्यक्त की गई है, उस पर यदि सार्थक चर्चा हो तो यह देश के घरेलू व्यापार एवं भारतीय अर्थव्यवस्था में एक संभावित बदलाव लाने की पहल हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह एक सर्वविदित तथ्य है कि भारत में धनाढ्य लोगों का एक वर्ग विदेशों में डेस्टिनेशन शादियाँ कर रहा है जो देश में शादी समारोह करने की बजाय विदेश में शादी करना अपनी शान समझा जाता है एवं जिसके कारण भारत के लोगों का एक बड़ा व्यापार विदेश को मिल जाता है। बेहतर हो यदि प्रधानमंत्री मोदी की पीड़ा को समझते हुए यह वर्ग विदेशों के बजाय भारत में ही यह शादियाँ आयोजित करे।

शंकर ठक्कर ने कहा कि यूँ तो अब देश के प्रत्येक शहर के बाहर उपयुक्त शादी स्थल बन गये हैं जिनका डेस्टिनेशन शादी के रूप में उपयोग बहुतायत में होता है लेकिन देश के विभिन्न राज्यों में कुछ प्रमुख स्थान ऐसे हैं जहां बड़े पैमाने पर डेस्टिनेशन शादियाँ होती हैं जिनमें मुख्य रूप से गोवा, महाराष्ट्र में लोनावाला, महाबलेश्वर, मुंबई, शिरडी, नासिक, नागपुर, गुजरात में द्वारिका, अहमदाबाद, सूरत, बड़ौदा, मध्य प्रदेश में ओरछा, ग्वालियर, उज्जैन, भोपाल, इंदौर, राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, जैसलमेर, पुष्कर, उत्तर प्रदेश में मथुरा, वृंदावन, आगरा, वाराणसी, कानपुर, दक्षिण भारत में चेन्नई, यादगिरी हिल, ऊटी, बंगलौर, हैदराबाद, तिरूपति, कोचीन, त्रिची, कोयंबतूर, पॉण्डिचेरी सहित दिल्ली एनसीआर में दिल्ली, नोएडा, ग़ाज़ियाबाद, गुड़गाँव, मानेसर, बहादुरगढ़, फ़रीदाबाद तथा पंजाब-हरियाणा में चंडीगढ़, मोहाली, अमृतसर तथा जम्मू के नाम उल्लेखनीय हैं ।

कैट के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष सचिन निवंगुने ने कहा कि ये सभी स्थान माध्यम बजट से लेकर किसी भी बड़े बजट की डेस्टिनेशन शादियों को करवाने में पूर्ण रूप से सक्षम है। शादी करवाने के लिए आम से लेकर ख़ास सुविधा एवं इंतज़ाम प्रदान करने वाली कंपनियों या ग्रुपों का एक बड़ा नेटवर्क पिछले वर्षों में भारत में विकसित हुआ है और इसीलिए शादियों से संबंधित सामान एवं सेवाएँ आज देश में एक बड़े व्यापार का रूप ले चुकी हैं । डेस्टिनेशन शादी चाहे देश में हो या विदेश में, उन्हें संपन्न कराने में इन कंपनियों या समूहों का सबसे बड़ा योगदान होता है। अक्सर प्रति वर्ष शादियों के मामले में देश में विभिन्न स्थानों पर हुई डेस्टिनेशन शादियाँ अपनी भव्यता अथवा अपनी विशेषताओं के कारण चर्चा का विषय बनती हैं जो इस बात को साबित करता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता जायज़ है और जिसको ध्यान में रखते हुए तथा भारत का धन देश में ही खर्च हो कि भावना के अनुरूप डेस्टिनेशन शादियाँ यदि अपने देश में ही हों, तो न केवल भारतीय संस्कार पल्लवित होंगे बल्कि देश के व्यापार एवं अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा और बड़ी मात्रा में स्थायी एवं अस्थायी रोज़गार भी उपलब्ध होंगे।

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