मुंबई। तेलगी घोटाले(telgi scam)के बाद देश भर मे स्टांप(stamp)बिक्री रुकी है। इससे राज्य के सभी जिला कोषागार कार्यालयों और प्रधान स्टांप कार्यालयों में 3039 करोड़ रुपये अंकित मूल्य और 7.5 करोड़ रुपये से अधिक की मुद्रण लागत वाले 9.24 करोड़ स्टांप पड़े। जिनकी बिक्री तेलगी स्टांप घोटाले के बाद रोक दी गई थी। इन्हे अब सरकार नष्ट करने वाली है। इनका संयुक्त वजन 650 टन से अधिक है। इसके निस्तारण की दिशा में कैसे आगे बढ़ना है, इस पर विस्तृत दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं।
राज्य सरकार ने 7.53 लाख करोड़ रुपये के बिक्री अयोग्य स्टांप पेपर के निपटान की अनुमति दी है। इस संबंध में जब उपस्थित प्रतिनिधि ने अपर स्टाम्प नियंत्रक कार्यालय से संपर्क किया तो इस विभाग के प्रभारी अशोक तांबे ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि जो स्टांप नहीं बिक रहे हैं, उन्हें नष्ट करने के लिए राज्य व जिला स्तर पर कमेटी बनाने के संबंध में सरकार की ओर से कोई आदेश नहीं मिला है जब उनसे तेलगी मामले में स्टांप को शामिल करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है|पुराने स्टाम्प पेपर के स्थान पर अब पंजीयन एवं स्टाम्प विभाग का लेन-देन ऑनलाइन ग्रास सिस्टम से होता है। आजकल फ्रैंकिंग सुविधा भी उपलब्ध है। इसलिए नागरिकों में लेन-देन के लिए स्टाम्प पेपर लेने की प्रवृत्ति कम हो गई है। इसलिए राज्य में बड़ी मात्रा में स्टांप पेपर बचे हुए हैं। राज्य सरकार के विभिन्न कोषागार कार्यालयों में 9 लाख 24 स्टांप पेपर बचे हैं और इस पेपर की छपाई पर 7 करोड़ 53 लाख रुपये का खर्च आया है। इस स्टाम्प पेपर का बाजार मूल्य यानी स्टाम्प का अंकित मूल्य 3 हजार 39 करोड़ रुपये है और इस स्टाम्प पेपर का अब निपटान किया जा रहा है। पहली बार बिक्री न होने वाले और अप्रयुक्त स्टांप पेपर का निस्तारण किया जाएगा।राज्य के पंजीयन महानिरीक्षक एवं स्टांप नियंत्रक ने राज्य के सभी जिला कोष कार्यालयों और मुंबई के प्रधान स्टांप कार्यालय के पास शेष लेकिन अनुपयोगी 7.53 करोड़ रुपये की लागत वाले स्टांप पेपर के निपटान की अनुमति के लिए सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था। इसे सरकार ने मंजूरी दे दी है. सरकार ने इन स्टांप पेपरों के निस्तारण के लिए निबंधन महानिरीक्षक को सक्षम प्राधिकारी घोषित किया है। स्टांप पेपर के निस्तारण के लिए जिला स्तर पर भी स्टाम्प कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जायेगी। इसमें कोषागार पदाधिकारी और अतिरिक्त कोषागार पदाधिकारी शामिल होंगे। इस समिति को बिक्री न होने वाले, क्षतिग्रस्त स्टाम्प पेपर के स्टॉक का विवरण विस्तार से दर्ज करना चाहिए। इसके बाद राजस्व विभाग के उप सचिव के निर्देशानुसार प्रत्येक स्टांप पेपर को काटकर बारीक टुकड़ों में काट लिया जाए और जलाकर नष्ट कर दिया जाए। सत्यनारायण बजाज द्वारा दिया गया।
…फिर आपराधिक कार्रवाई
स्टाम्प पेपर के निस्तारण के बाद यदि कोई स्टाम्प पेपर या लेबल पाया जाता है या शासन के संज्ञान में आता है कि इसका दुरुपयोग किया गया है तो पंजीयन महानिरीक्षक तत्काल अध्यक्ष, सदस्य के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही प्रस्तावित करने की कार्यवाही करें। और संबंधित समिति के सदस्य सचिव को सरकार ने निर्देश दिये हैं |