मुंबई। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार 4 दिसंबर से शुरू हो रहा है। इसी पृष्ठभूमि में राज्यसभा सचिवालय ने सदस्यों के लिए सख्त नियम जारी किए हैं। इसमें राज्यसभा सभागार में जय हिंद, वंदे मातरम जैसे शब्दों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही सदन शुरू रहते हुए थैंक्स, थैंक्यू हॉल नहीं कहा जा सकेगा।
सत्र के दौरान राज्यसभा सदस्यों को अनावश्यक और विवादास्पद विषयों से बचें। अब तक सांसद, खासकर विपक्षी सदस्य सदन में कोई भी महत्वपूर्ण मुद्दा उठाने के लिए दिए गए नोटिस को सार्वजनिक करते रहे हैं। लेकिन नए नियमों के मुताबिक ऐसा नहीं किया जा सकता है। राज्यसभा सचिवालय ने स्पष्ट किया है कि जब तक सभापति किसी मामले पर किसी सदस्य द्वारा दिए गए नोटिस को मंजूरी नहीं दे देते और सदन के अन्य सदस्यों को इसके बारे में सूचित नहीं कर देते, तब तक उस नोटिस को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।
60 दिनों तक अनुपस्थित रहने पर चली जाएगी सदन से सदस्य की सीट
राज्यसभा का कोई भी सदस्य यदि 60 दिनों या उससे अधिक समय तक सदन से अनुपस्थित रहता है, तो उसकी सीट स्थायी रूप से रिक्त हो जाएगी। सदन में सदस्यों की उपस्थिति दर्ज कराना जरूरी है। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि सभापति द्वारा दी गई व्यवस्था की सदन के अंदर या बाहर आलोचना नहीं की जानी चाहिए।
क्या है नियमावली?
सदन में धन्यवाद, आभार, जय हिंद, वंदे मातरम जैसे नारे न दें।
दो सदस्य एक साथ खड़े होकर प्रश्न नहीं पूछ सकते।
सदस्यों को सदन में लिखित भाषण नहीं पढ़ना चाहिए।
नए सदस्य का पहला भाषण, मेडन स्पीच 15 मिनट से अधिक नहीं होना चाहिए।
सदस्यों को सदन में विषय से बाहर बात करने की इजाजत नहीं होगी।
राज्यसभा में उठाए गए सवालों को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
सदन में किसी भी प्रकार का फलक प्रदर्शित करना प्रतिबंधित रहेगा।
सभापति के बोलने के दौरान कोई भी सदस्य सदन से नहीं छोड़ें।
राज्यसभा सदस्य लिखित भाषण नहीं पढ़ सकते।
राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान वीडियोग्राफी करना प्रतिबंध लगाया गया है।
सभापति को पीठ दिखाकर बाहर न जाएं।
सदस्य सीधे सभापति से संपर्क नहीं करें। वे सहायकों के माध्यम से पर्चियां भेज सकते हैं।
संसद परिसर में धूम्रपान वर्जित है।l