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Heat wave: हीट वेव का बढ़ा संकट, 13 मरीजों की हालत हो गई विकट, बीड जिले की हालत सबसे गंभीर, सावधानी बरतने की दी गई सलाह

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मुंबई। मुंबई समेत पूरे राज्य में पारा तेजी से चढ़ रहा है। ऐसे में अब राज्य के विभिन्न जिलों से अब हीट स्ट्रोक के मामले भी सामने आने लगे हैं, जिसने लोगों के संकटों को बढ़ा दिया है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक प्रदेश में मार्च में हीट स्ट्रोक के कुल 13 मामले सामने आए हैं। इससे मरीजों की हालत विकट हो गई। सबसे गंभीर स्थिति बीड जिले की है, जहां सबसे अधिक केस मिले हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतने की सलाह दिया है।

महाराष्ट्र में तापमान बढ़ने के साथ ही लू के प्रकोप भी बढ़ने लगे हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने मार्च माह में राज्य भर में हीट स्ट्रोक के 13 मामले दर्ज किए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा चार बीड जिले से हैं। उसके बाद रायगढ़ जिले से दो और नगर, अकोला, अमरावती, भंडारा, चंद्रपुर, धुले, सतारा जिलों से क्रमशः एक-एक मरीज सामने आए हैं। गनीमत यह है की इस साल राज्य में हीट वेव से अभी तक कोई मौत नहीं हुई है। बता दें कि पिछले साल एक मार्च से 31 जुलाई के बीच हीट स्ट्रोक से 22 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें सबसे ज्यादा 13 मौतें संभाजीनगर जिले में हुई थी। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग ने गर्मी के मद्देनजर स्वास्थ्य संस्थानों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। साथ ही नागरिकों से धूप में बाहर निकलते समय उचित सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है।

उपाय करने के दिए गए निर्देश

संयुक्त स्वास्थ्य निदेशक डाॅ. राधाकिशन पवार ने कहा कि राज्य में हीट स्ट्रोक के मरीज बढ़ रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला स्वास्थ्य अधिकारियों, जिला सर्जनों और मनपाओं के चिकित्सा अधिकारियों को उपाय करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि आनेवाले दिनों में प्रदेश के कई हिस्सों में गर्मी और तीव्र होगी। इसलिए हीट वेव की संभावना है। इसलिए राज्य भर में स्वास्थ्य प्रणालियों को हीट स्ट्रोक के प्रति सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। हीट स्ट्रोक के मरीजों की देखभाल कैसे की जाए, इसके निर्देश भी दिए गए हैं।

स्वास्थ्य प्रणाली इन बातों का रखे ख्याल

डॉ. पवार ने कहा है कि गर्मी से संबंधित बीमारियां बढ़ने की संभावना है। इसलिए स्वास्थ्य प्रणालियों को उसके अनुरूप उपचार की योजना बनानी चाहिए। अस्पतालों में इन बीमारियों की दवाओं का पर्याप्त भंडार रखा जाए। बीमारियों के इलाज के लिए अस्पताल के कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को हीट स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है, इसलिए उनकी देखभाल के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाई जानी चाहिए।

हीट स्ट्रोक से इस तरह बचें

चिकित्सकों के मुताबिक पूरे दिन खूब पानी पियें। कैफीन युक्त पेय या शराब पीने से बचें। तेज धूप के संपर्क में आने से बचें। हल्के रंग के सूती कपड़ों का प्रयोग करें। बच्चों और बुजुर्गों का ख्याल रखें। पंखे के साथ एयर कंडीशनिंग सिस्टम का उपयोग करें। दोपहर के समय बाहर जाने से बचें।

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