मुंबई। चॉकलेट देने के बहाने मासूम बच्चों की किडनैप कर बेचे जाने का खुलासा मुंबई क्राइम ब्रांच ने किया है | इस गिरोह मे नर्सिंग होम मे काम करने वाली महिलाएं शामिल थी इस मामले में पुलिस ने एक डॉक्टर समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार गिरोह अब तक 14 बच्चों का अपहरण कर उन्हें बेच चुका है। इन बच्चों को उन्होंने कहां से किडनैप किया और आगे किन लोगों की मदद से बेचा, इन सभी बातों का पता लगाया जा रहा है।
विक्रोली के कन्नामवार नगर मे रहने वाली एक महिला का पाँच महीने का बच्चा 13 दिसंबर 2022 को गायब हो गया था | इस बीच पुलिस को जानकारी मिली कि इस बच्चे को गोवंडी मे रहने वाली शीतल वारे ने चोरी कर बेचा है | जिसके आधार पर डीसीपी दत्ता नवालवाड़े के मार्गदर्शन मे यूनिट 2 के प्रभारी निरीक्षक दिलीप तेजनकर ,यूनिट 5 की प्रभारी महिला पुलिस निरीक्षक भोर ने टीम शीतल वारे को गिरफ्तार किया | उससे पूछताछ किए जाने पर कबूल किया कि बच्चा चोरी कर डॉ संजय खंदारे ओर वंदना अमित पवार के के माध्यम से संजय पवार ओर सविता पवार को बेच दिया है इसके बाद डॉ संजय खंडारे को गिरफ्तार कर पूछताछ किए जाने पर बताया कि बच्चे को रत्नागिरी के गुहागर मे संजय पवार ओर वंदना पवार को बेचा है इसके तलाश मे पुलिस ने रत्नगिरी मे छापेमारी किए जाने पर बच्चा संजय ओर वंदना के पास मिले | बच्चे को हिरासत मे लिया है | इस बीच शीतल वारे से पूछताछ किए जाने पर खुलासा किया कि एजंट शरद देवरे ओर स्नेहा सूर्यवंशी के के माध्यम से दो वर्षीय लड़की को बेचा है यह लड़की भी एक दंपति के पास से बरामद कर लिया है इन दोनों बच्चों को कब्जे मे लेकर महालक्ष्मी बाल आशा ट्रस्ट मे सुरक्षित रखा गया है
तेलंगाना , आंध्र प्रदेश तक फैला है जाल
पुलिस के अभी तक की जांच में पता चला है कि बच्चों की डिमांड तेलंगाना और हैदराबाद से आई थी। जिसके बाद गिरोह के सदस्यों ने बच्चों को मुंबई से किडनैप कर वहां पहुंचाया है। मुंबई पुलिस के अनुसार फर्टिलिटी सेंटरों में काम करने वाली महिलाओं की मदद से यह रैकेट चलाया जा रहा था। वह बच्चों को आगे गिरोह के हवाले करती थीं।
डॉक्टर समेत 7 लोग पकड़े गए
पुलिस ने बच्चों को बेचने वाली महिला दलाल समेत कुल 7 आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया है। इसके अलावा इस मामले में तीन अन्य लोगों को फिलहाल हिरासत में रखा गया है। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार लोगों की पहचान वंदना अमित पवार, शीतल गणेश वारे, स्नेहा सूर्यवंशी, नसीमा खान, लता सुरवाडे, शरद देवार और डॉ संजय सोपानराव खंदारे के रूप में हुई है।
2 बच्चों को सुरक्षित बचाया
पुलिस के अनुसार अभी तक बेचे गए बच्चों में 11 लड़के और 3 लड़कियां शामिल हैं। बेचे गए बच्चों में 5 दिन के बच्चे से लेकर 9 साल तक के बच्चे थे। इस पूरे मामले में पुलिस उपायुक्त रागसुधा ने कहा कि ये गिरोह फर्टिलिटी सेंटरों में काम करने वाली महिलाओं की मदद से चलाया जा रहा था। पुलिस 2 बच्चों को सुरक्षित बचाने में सफल रही है। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। फिलहक पुलिस इस गिरोह से ओर भी लोगों के जुड़े होने की संभावना जताई है।