नवी मुंबई। आम के लिए इस वर्ष अनुकूल मौसम होने से बाजार में सभी प्रकार के आमों की आवक बढ़ने लगी है। इसी के साथ कोंकण के हापू के बाद अब कर्नाटक का आम भी बाजार में आना शुरू हो गया है। इसमें मुख्य रूप से तोतापुरी, बादामी, लालबाग आम शामिल हैं। इन आमों की कीमतें हापुस की तुलना में कम हैं। इसलिए आम लोगों के बीच इन आमों की काफी मांग रहती है। इसके मुताबिक व्यापारियों का कहना है कि इस साल भी बाजार में इन आमों की अच्छी मांग है।
गर्मी आम का मौसम है। इस दौरान कोंकण से हापुस आम बाजार में आने लगते हैं। इसी तरह अन्य स्थानों से भी आम की आवक हो रही है। इसमें कर्नाटक से अधिक आम आते हैं। उनमें से सबसे प्रचुर मात्रा में कर्नाटक हापुस आम है। इस आम को कर्नाटक हापुस के नाम से जाना जाता है क्योंकि यह कोंकण के हापुस आम के समान होता है। कोंकण के हापुस की खेती कर्नाटक में की जाती है। हालाँकि कोंकण की लाल मिट्टी में हापुस आम की मिठास कर्नाटक से आने वाले आमों तक नहीं आई है। ऐसे मे दिखने में भले ही यह आम कोंकण के हापुस आम जैसा नहीं है।इसके लिए यह आम बाजार में किलो के हिसाब से बिकता है कुछ व्यापारी इस आम को हापुस के नाम से भी बेचते हैं।
किलो के भाव से हो रही बिक्री
कर्नाटक से बादामी, तोतापुरी, लालबाग किस्म के आम भी बाजार में आ रहे हैं। सभी आमों का स्वाद अलग-अलग होता है। इनमें से अधिकतर बादामी आम का उपयोग जूस बनाने के लिए किया जाता है। थोक बाजार में ये आम 80 से 200 रुपये प्रति किलो मिलते हैं। इसलिए खुदरा बाजार में ये आम 150 से 250 रुपये प्रति किलो तक उपलब्ध हैं इसलिए जो लोग हापू स नहीं खरीद सकते, वे इस दौरान इन आमों को पसंद करते हैं। एपीएमसी मे इस समय प्रतिदिन इन आमों की चार से पांच हजार पेटियां आ रही हैं।