मुंबई। कोई भी घटना के बाद पुलिस आरोपी और अपराध मे इस्तेमाल सामान जब्त कर लिया है। इसे सुनवाई के दौरान प्रस्तुत करने के लिए संभाल कर रखा जाता है हालाँकि इस सामान को ठीक से नहीं रख पाने के कारण केस शुरू होने के बाद यह समय पर नहीं मिल पाना ,नुकसान होना ऐसे कई बार होता है इसका असर केस पर भी पड़ता है। अब ऐसा नहीं होगा। पनवेल में पुलिस उपायुक्त के कार्यालय ओर एनआरआई कॉम्प्लेक्स में एक अत्याधुनिक केंद्रीय साक्ष्य प्रबंधन केंद्र (ऍव्हिडन्स मॅनेजमेंट सेंटर)तैयार किया गया है। जिसका उद्घाटन उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस के हाथों रविवार को किया जाने वाला है।
इस केंद्र पर नवी मुंबई पुलिस आयुक्तलय परिमंडल दो के सभी पुलिस स्टेशनों की जब्त प्रॉपर्टी रखी जाएंगी। जब की परिमंडल एक की जब्त सामान एनआरआई पुलिस स्टेशन के पास बने केंद्र पर रखी जाएगी। अभी तक पुलिस स्टेशन में केस रूम एक तरह का गुप्त कमरा होता है। अक्सर किसी केस के दस्तावेज, जब्त सामान पुलिस स्टेशन के कक्ष में रखे जाते हैं केस का फैसला आने के बाद कोर्ट की अनुमति से इन्हें नष्ट कर दिया जाएगा। अक्सर पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले के बाद जब मामले की सुनवाई शुरू होती है तो उस समय पुलिस को संबंधित मामले की सामग्री ढूंढने के लिए रजिस्टर खंगालना पड़ता था इसकी कोई समग्र जानकारी कहीं उपलब्ध नहीं होने पर काफी समस्या का सामना करना पड़ता था। इस केंद्रीय मे सभी संबंधित सामान रैक व बक्सों में रखे जायेंगे इनमें से प्रत्येक आइटम पर क्यूआर कोड लगाया जाएगा। जिससे पुलिस को जब जरूरत होगी तो एक क्लिक से पता चल जाएगा कि संबंधित केस का सामान कहां और किस रैक में है। कोर्ट में जमा करने और वापस केंद्र में जमा करने के दौरान इंट्री होगा। जिससे सभी जब्त सामानों पर नजर रखना संभव होगा|नवी मुंबई पुलिस आयुक्तालय में पहली बार इस तरह से एक आधुनिक इविडेंस केंद्र बनाया गया है। इस केंद्र के लिए एक मोबाइल ऐप, सॉफ्टवेयर बनाए जाएंगे। इस सेंटर में सीसीटीवी लगाया जाएगा और 24 घंटे गार्ड रहेगा। डीसीपी विवेक पानसरे ने बताया कि अत्याधुनिक तरीके से कयुआर कोड से सभी जब्त सामानों का पत्ता लगाया जा सकेगा। इसी उद्देश्य से इस केंद्र को बनाया गया है। पुराने मामलों की केस सामग्री एक क्लिक में देखी जा सकेगी। केस सामग्री को एक ही तरीके से सहेजा जाएगा और सुव्यवस्थित किया जाएगा। इस केंद्र में सीसीटीवी की निगरानी होगी।