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नवी मुंबई। कुछ अधिकारियों के कारण रेलवे की प्रतिमा मलिन होने लगी है। जिसके कारण भ्रष्ट अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिल पास करने के नाम पर यूपीआई से कमीशन की डिमांड किए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले पश्चिम रेलवे मे ट्रांसपोर्ट ठेकेदार द्वारा इसकी शिकायत रेलवे विजिलेंस से किए जाने पर टेंडर रद्द करने की धमकी देते हुए शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण भ्रष्ट अधिकारी खुलेआम घूम रहे है।
जानकारी अनुसार ट्रांसपोर्ट व्यवसाई अनिल गुप्ता पिछले कई वर्षों से रेलवे मे ट्रांसपोर्ट का कारोबार कर रहे है। उन्हे पश्चिम रेलवे से माल ढुलाई का ठेका लिया था। पश्चिम रेलवे से वर्क ऑर्डर मिलने के बाद काम शुरू किया गया था। जिसमे पश्चिम रेलवे द्वारा जरूरत अनुसार माल ढुलाई के लिए गाड़ी उपलब्ध कराना होता है। लेकिन जब भी गाड़ी लोडिंग या अनलोडिंग के लिए भेजा जाता था। उस समय परेल वर्क शॉप मे मौजूद अधिकारी गाड़ी अनलोडिंग या लोडिंग करने मे देरी करते थे। इसके लिए जब भी अधिकारी से संपर्क किया गया किसी ना किसी बहाने पैसे की डिमांड की गई। आखिर मे अनिल गुप्ता ने पश्चिम रेलवे के उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत की थी। इसके बावजूद इसे नजर अंदाज किया गया। इस बीच परेल वर्क शॉप के अधिकारी जितेंद्र राम ने अपने साथ के कर्मचारीयो के जीपे के माध्यम से पैसे वसूल करने लगे। अनिल गुप्ता ने अपनी शिकायत मे बताया है कि हर बार गाड़ी लोडिंग अनलोडिंग करने के लिए पैसे दिए जाने के बावजूद अधिकारियों की लालच कम नहीं हुई। काम होने के बाद जब बिल भेजा गया तो उसे पास करने के लिए पूरे बिल पर दस प्रतिशत की कमीशन मांगी जाने लगी। इससे परेशान होकर इस की शिकायत रेलवे विजिलेन्स से किए जाने के बाद जांच शुरू की गई।शिकायत किए जाने के बावजूद अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है लेकिन उनपर लगातार शिकायत वापस लेने दबाव डाला जा रहा है। इसके साथ ही उनपर जबरन पाँच लाख का दंड लगाए जाने का नोटिस भी भेजा गया है ।
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