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मुंबई। दर्शन सोलंकी सुसाइड केस में एक बड़ी खबर सामने आई है। इस आत्महत्या मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) (Crime) को दर्शन सोलंकी का सुसाइड नोट मिला है। इसमें दर्शन ने पत्र में एक छात्रा का नाम लिया है और आरोप लगाया है कि उसे मानसिक प्रताड़ना और धमकी दी गई है।
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पिछले महीने आईआईटी मुंबई के छात्र दर्शन सोलंकी ने आत्महत्या कर ली थी। IIT छात्र संघ और अन्य सामाजिक संगठनों ने आरोप लगाया कि जातिगत भेदभाव के कारण आत्महत्या की गई। उसके बाद आईआईटी की ओर से एक कमेटी बनाई गई। लिहाजा सामाजिक संगठनों के दबाव के बाद मुंबई पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए संयुक्त पुलिस आयुक्त लखमी गौतम के नेतृत्व में इस एसआईटी का गठन किया था. उसके बाद इस आत्महत्या मामले की जांच शुरू की गई थी। सूत्रों के मुताबिक मुंबई पुलिस की जांच टीम को दर्शन सोलंकी का सुसाइड नोट मिला है। सूत्रों ने बताया कि दर्शन की आत्महत्या के पीछे जातिगत टिप्पणियां भी कारण थीं। इस सुसाइड नोट में दर्शन ने एक छात्र का नाम लिखा और कहा कि उसके द्वारा उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित और धमकाया जा रहा था। मुंबई पुलिस की एसआईटी को मिले इस सुसाइड नोट से इस बात की आशंका जताई जा रही है कि दर्शन सोलंकी सुसाइड केस बड़ा मोड़ ले लेगा। आईआईटी की कमेटी ने आरोपों को किया खारिज सोलंकी सुसाइड केस में आईआईटी मुंबई द्वारा गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी। कमेटी ने अपनी इस रिपोर्ट में दर्शन सोलंकी आत्महत्या मामले में जातिगत भेदभाव के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है। IIT बॉम्बे द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट में इस संभावना का उल्लेख किया गया था कि उनकी आत्महत्या के पीछे अकादमिक प्रदर्शन कारण था। क्या है दर्शन सोलंकी आत्महत्या मामला दर्शन सोलंकी (उम्र 18) आईआईटी मुंबई में केमिकल इंजीनियरिंग के प्रथम वर्ष का छात्र था। उसने 12 फरवरी को कैंपस के छात्रावास की सातवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। दर्शन मूल रूप से अहमदाबाद के रहने वाले हैं और तीन महीने पहले पढ़ाई के लिए आईआईटी मुंबई आए थे। उसकी परीक्षा 11 फरवरी को हुई थी। उन्होंने अगले ही दिन यानी 12 फरवरी को यह अतिवादी कदम उठाया। दर्शन सोलंकी की आत्महत्या के बाद आईआईटी मुंबई के ‘दस्तक’, अंबेडकर पेरियार स्टडी सर्कल और अन्य संगठनों ने भी दावा किया कि आत्महत्या जातिगत भेदभाव के कारण हुई है। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया, जाति अंत संघर्ष समिति, जनवादी महिला संघ, डीवाईएफआई और अन्य वामपंथी संगठनों ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आईआईटी मुंबई के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
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