भाईंदर। मूलतः उत्तरप्रदेश के जिला सिद्धार्थनगर से मुंबई यात्रा पर आई हुई ‘दो गुमशुदा महिलाओं’ का पता लगाने में चर्चगेट रेल्वे पुलिस (जीआरपी) ने सफलता हासिल कर ली है। भाईंदर की प्रतिष्ठित ‘अल-कैन एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ‘ के ‘ एडमिन मैनेजर ‘ परशुराम लोधिया के मूल गांव उत्तरप्रदेश जिला सिद्धार्थनगर से भाईंदर में महाराष्ट्र के जिला नाशिक एवं मुंबापुरी में लगभग 40 लोग दर्शन करने आये थे। परशुराम लोधिया जी ने सभी यात्रियों-श्रद्धालुओं की रहने एवं भोजन की समुचित व्यवस्था की थी। सभी दर्शनार्थी विरार की तरफ ‘जीवदानी मंदिर’ में दर्शन करने चले गए, जिसमें कुछ दर्शनार्थी वहीं से मुंबई के ‘ मुम्बादेवी ‘ में दर्शन करने चले गए थे। मुंबादेवी में दर्शन करने गए दर्शनार्थियों में दो अधेड़ उम्र की महिलाएं श्रद्धालुओं की भीड़ में रास्ता भटक गई और अपने साथ उत्तरप्रदेश से आये लोगों से बिछड़ गईं। सभी लोग बहुत परेशान हो गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बीच ‘ कर्मठ समाजसेवक ‘ एवं ‘ उद्यमी ‘ परशुराम लोधिया तुरंत मुंबादेवी के लिए रवाना हो गए और वहां पहुँचकर उन्होंने मुंबादेवी पुलिस चौकी, एल.टी.मार्ग पुलिस स्टेशन से संपर्क किया तथा ‘ दो गायब महिला यात्रियों ‘ की सूचना दी साथ ही उन्होंने ‘ चर्चगेट रेल्वे पुलिस ‘ ( जीआरपी) से भी संपर्क किया। पोलिस बहुत ही सूझबूझ से दोनों गायब महिलाओं के हुलिया के बारे में पता किया काफी खोजबीन के बाद मात्र कुछ घंटे में ही चर्चगेट रेल्वे पुलिस ‘(जीआरपी) ने उन महिलाओ के मिल जाने की बात कही और परशुराम लोधिया जी को मुंबादेवी पुलिस चौकी से पोलिस की गाड़ी में चर्चगेट रेल्वे पुलिस चौकी ले जाया गया और वहां एक दूसरे को देखकर आँखे नम हो गई, मुंबई पोलिस ने उनके साथ एवं ‘ मुंबई दर्शन यात्रा ‘ पर आए गुमशुदा महिला श्रद्धालुओं के साथ बहुत ही आत्मीयता से पेश आये और उनका आवभगत किया। और ‘ स्टेटमेंट ‘ लेकर दोनों गुमशुदा महिलाओं को सुपुर्त कर दिया। इसके लिए श्रद्धालुओं एवं परशुराम लोधिया के साथ साथ उत्तरप्रदेश के जनपद सिद्धार्थनगर के लोगों की तरफ से मुंबई पुलिस को ह्रदय से धन्यवाद दिया। दोनों गुमशुदा महिलाओं का पता लगाकर सुपुर्त करने में चर्चगेट रेल्वे पुलिस (जीआरपी) के सहायक पुलिस उप-निरीक्षक कैलाश पांडुरंग पठाड़े, हेड-कॉन्स्टेबल सतीश लक्ष्मण शिवतरे (ब.नं. 1731), हेड-कॉन्स्टेबल प्रकाश गोड़गे (ब.नं. 2088 ), महिला पुलिस कॉन्स्टेबल विद्या तानाजी राऊत ( ब.नं. 42 ), महिला कॉन्स्टेबल चांगुना बारामते (ब.नं. 1569), पुलिस सिपाही ऋषिकेश कटारे ( ब. नं. 2349) ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई।