मुबई। पिछले कुछ दिनों से मुंबई के आबोहवा बस से बदतर हो गई है। प्रदूषण के चलते देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की खराब होती छवि को लेकर राज्य की घाती सरकार और मनपा आयुक्त को केंद्र सरकार से फटकार मिल रही है। इसके बावजूद घाती सरकार व मनपा प्रशासक यहां प्रदूषण रोकने के लिए गम्भीर नहीं दिख रहे हैं। तभी तो जो गाइडलाइन सोमवार को जारी होने था वह तीन दिन बाद जारी किया गया। इस गाइडलाइन मे कुल 27 निर्देश दिए गए हैं। मनपा ने भारीभरकम गाइडलाइन तो जारी कर दिया है लेकिन नियमों का उलंघन करने वालों के खिलाफ एक्शन के तौर पर सिर्फ वाहनो को जब्त करने के अलावा कही कोई ठोस एक्शन दिखाई नहीं दे रहा है।
सामान्य तौर पर देखे तो मुंबई में प्रदूषण को रोकने के लिए मनपा सिर्फ कागजी खानापूर्ति करते दिख रही है। दोषियों पर किस कानून के तहत कौन सी सख्त कार्रवाई की जाएगी इसका कही उल्लेख नहीं है? मनपा ने प्रदूषण फैलाने वाली रिफायनरी कंपनियों, सहित अन्य सरकारी विभागों के कारखानों पर कार्रवाई के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रल बोर्ड को कहा है, सवाल है कि अगर एमपीसीबी ने कार्रवाई किया होता तो आज प्रदूषण का स्तर इतना कैसे बढ़ता?
इस गाइडलाइन में दिए गए इन नियमों का पालन होने पर वास्तव में मुंबई में प्रदूषण में कमी आएगी लेकिन सवाल है कि इस गाइडलाइन का पालन करने वालों की संख्या कितनी होगी?
गाइडलाइन के अनुसार निर्माण कार्य क्षेत्र को पत्रे से 35 फिट ऊंचाई तक घेरने, फोगिंग मशीन लगाने, वाहनो के टायर को धोने, मलबे को ढक कर ले जाने के साथ साथ सेंसर वाली प्रदूषण मापन मशीन लगाने का निर्देश दिया गया है। वही मनपा वार्ड कार्यालय को उड़ान दस्ता बनाकर नियमों का उलंघन करने वाले लोगों पर करवाई का निर्देश दिया गया है। एक तरफ जहां बिल्डरों पर काफी दबाव दर्शाया गया है। पर अधिकारियों को उड़ान दस्ते के अलावा अन्य कोई जिम्मा नही दिया गया है।
क्या है नियमावली
– प्रत्येक निर्माण अधीन साइटों पर अधिकतम 35 फीट और न्यूनतम 25 फीट ऊंचा पात्र लगाकर घेरना होगा।
-फागिंग मशीन अनिवार्य किया गया है
-मलबे को लोड करने और खाली करने के लिए भी तालपतरी का इस्तेमाल करना अनिवार्य किया गया है।
-सीसीटीवी कंस्ट्रक्शन साइट पर अनिवार्य है।
– प्रदूषण को नापने के लिए सेंसर बेस्ड मॉनिटर मशीन लगाने की अनिवार्य है। जांच के दौरान यह मिलना चाहिए।
– निर्माण कार्य के लिए ग्राइंडिंग, कटिंग, वेल्डिंग आदि काम को बंद कमरे में किए जाने का निर्देश है।
– ब्रिज और अन्य काम के लिए भी पत्रा लगाना जरूरी है।
– प्रत्येक वार्ड में उड़न दस्ता बनाने का निर्देश सभी सहायक आयुक्त को दिया हुआ है। छोटे वार्ड में दो तो सबसे बड़े वार्ड में 6 दस्त बनाने होंगे, उड़न दस्ते में दो इंजीनियर, एक पुलिस और एक मार्शल वाहन के साथ होंगे।
– इसी के साथ मुंबई में कहीं भी कागज, प्लास्टिक अन्य सामग्री को जलाने पर भी पाबंदी लगाई गई है। यहां तक की डंपिंग ग्राउंड में भी आग लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
– मनपा के सभी नियमों को 15 दिन के भीतर ही लागू करने का निर्देश साइट को दिया गया है।
– ट्रांसपोर्ट विभाग को कार्रवाई का सख्त निर्देश दिया गया है। नियमों का उल्लंघन करती सड़क पर दौड़ने वाली गाड़ियों को जब्त करने, और 8 साल से पुरानी गाड़ियों को मुंबई में बिल्कुल प्रवेश नहीं देने का निर्देश दिया गया है।
– प्रत्येक साइड पर उड़ान दस्ते विजिट के बाद उसका वीडियो बनाकर मनपा के वेबसाइट पर लोड करेंगे।
– साइड से निकलने वाले वाहनों, ट्रैकों के टायर धोने के लिए हर साइट पर व्यवस्था होनी चाहिए धुले हुए टायर के बाद ही वह सड़क पर निकल सकते हैं