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आश्रम स्कूल के छात्रों की सुरक्षा की खुली पोल, हाई कोर्ट भी लगा चुका है फटकार, फिर भी नहीं हुआ सुधार

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मुंबई। शाहपुर के आश्रम स्कूल(Ashram School)मे लगभग 200 से अधिक छात्रों को श्राद्ध मे बचे हुए भोजन दिए गए थे यह भोजन करने के बाद छात्रों के बीमार होने की घटना सामने आई है। इस मामले मे गुरुवार को चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। इस घटना के बाद एक बार फिर राज्य के आश्रम स्कूलों के छात्रों के सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए जाने लगे है।

बता दे कि बुधवार को ठाणे जिले के शाहपुर के भटसाई स्थित संत गाडगे महाराज प्राथमिक एवं माध्यमिक आश्रम स्कूल (आदिवासी बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय) के फूड प्वाइजनिंग से पीड़ित 48 लड़कियों सहित 200 के करीब छात्रों को शाहपुर उप-जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्कूल में कक्षा 1 से 10 तक के 290 छात्र रहते हैं सूत्रों की माने तो एक श्राद्ध मे बचा हुआ खाना लाकर परोसा गया था। छात्रों को खाना (पुलाव) और एक मीठा व्यंजन (गुलाब जामुन) परोसा गया, जिसके बाद उन्हें उल्टी और फूड पॉइजनिंग के अन्य लक्षण महसूस हुए। फिर उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया|ठाणे जिला ग्रामीण पुलिस नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि स्कूल अधीक्षक, प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका, माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक और बाहर से खाना लाने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।अस्पताल में भर्ती छात्रों में से सात लड़कियों का अभी भी इलाज चल रहा है जबकि अन्य को छुट्टी दे दी गई।

पहले भी अनाथ आश्रम के छात्रों से हुआ दुर्व्यवहार

इसके पहले भी वाडा , शाहपुर , रायगढ़ के कुछ आश्रम में बच्चों के साथ दुर्व्यवहार के मामले सामने आए थे | नवंबर 2022 मे नासिक के मशहूर शिवरामे ज्ञानदीप गुलगुल अनाथ आश्रम के संचालक पर दुष्कर्म का आरोप लगाया गया था आरोप है कि ये वहाँ रहने वाली नाबालिग लडकियों को धमकाकर उनके साथ दुष्कर्म करता रहा था|इसी तरह पिछले वर्ष गडचिरौली के सोडे आश्रम शाला में शिक्षारत 106 छात्राओं को भोजन करने के बाद विषबाधा होने के बाद सभी छात्रों को उपचार के लिये धानोरा के ग्रामीण अस्पताल में लाया। इनमें से करीब 17 छात्राओं की तबीयत अधिक खराब होने के कारण उन्हें गडचिरोली के जिला अस्पताल में रेफर किया गया था |

 

राज्य भर के आश्रम स्कूलों मे बुनियादी सुविधाओं का अभाव

राज्य भर में सरकार के नियंत्रण में 506 आश्रम स्कूल है जो महाराष्ट्र के नाशिक,अमरावती,नागपुर व ठाणे जिले में स्थित है। आश्रम स्कूलों की कमियों व खामियों को लेकर टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंस(टिस) ने हाईकोर्ट में एक रिपोर्ट सौंपी है। जिसमें दर्शाया गया है कि आश्रम स्कूलों में शौचालय,पीने के पानी, प्रकाश की व्यवस्था व बुनियादी मेडिकल सुविधाओं का अभाव है। इसके साथ ही आश्रम स्कूलों में फिमेल वार्डन (महिला संरक्षक) के पद भी रिक्त है।उस समय तत्कालीन न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति गौतम पटेल की खंडपीठ ने कहा कि राज्य का वित्त विभाग की रिपोर्ट में दर्शायी गई कमियों व खामियों पर गौर करने पर जोर दिया था । खंडपीठ ने कहा था कि आश्रम स्कूलों के ढांचे व वहां पर पढ़नेवाले बच्चों की सुरक्षा का आडिट किए जाने की जरुरत है।

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