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चट्टानों मे तबाह हो गया पूरा गांव, स्कूल मे सोये बच्चों के वजह से हुई जानकारी, लापता लोगो को मृत घोषित करेगी सरकार,जिला अधिकारी ने भेजा प्रस्ताव

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मुंबई। रायगढ़ जिले के खालापुर स्थिर इरशालवाड़ी में चट्टान गिरने से पूरा गांव तबाह हो गया है। जिसमे अभी तक 24 लोगों की मौत हो गई है जब की 150 से अधिक लोगों को बचाया गया है अभी भी डेढ़ सौ लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है। विशेष की रात साढ़े 10 बजे के करीब हुए इस हादसे की जानकारी गांव की पांच दोस्तों ने प्रशासन को दी। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ओर एनडीआरएफ की टीम बचाव कार्य मे जुटी।

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रायगड जिले के खालापुर तालुका के चौक स्थित इरशालवाड़ी मे 45 मकान है। जहां ढाई सौ के करीब लोग रहते है। इसमे पांच वर्ष तक के लगभग 30 बच्चे है।बुधवार रात को गाँव के लोग गहरी नींद मे सो रहे थे। तभी साढ़े 10 बजे के करीब अचानक इरशाल गड किले से चट्टान टूटकर इस गांव पर जा गिरा। जिसके चपेट मे आने से 43 घर दब गए। इस घटना से हाहाकार मच गया। इस बीच इरशालवाड़ी में एक स्कूल है। इस स्कूल में गांव के पांच युवक सोने जाते हैं। कल भी स्कूल में छह छात्र सोने गये थे। उसी समय उसे एक तेज़ आवाज़ सुनाई दी। उन्हें लगा कि कुछ हुआ है। जब इन बच्चों ने बाहर आकर देखा तो पता चला कि गांव में एक चट्टान गिरी हुई है। इसलिए ये लड़के तुरंत दूसरे गांवों में गए और सरपंच ,लोगों को बुलाया। इसके बाद पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। उसी समय एनडीआरएफ की टीम को सूचना दी गयी। अगर ये बच्चे स्कूल में शरण नहीं लेते तो इस घटना की जानकारी नहीं होती।

रात को गिरीश महाजन पहुंचे
इस घटना की जानकारी मिलने के बाद सबसे पहले मौके पर विधायक महेश बालदी पहुंचे। उसके बाद रात में उद्योग मंत्री उदय सामंत, दादा भुसे, गिरीश महाजन मौके पर पहुंचे। हालांकि, गिरीश महाजन और महेश बाल्दी मोबाइल टॉर्च की रोशनी में सुबह 3 बजे पहाड़ी की चोटी पर पहुंच गए। पुलिस अधिकारी वहां पहले ही पहुंच चुके थे। गिरीश महाजन ने बताया कि जब हम मौके पर पहुंचे तो बारिश और हवा चल रही थी। रात को अंधेरा था इसलिए कुछ नहीं किया जा सका। रात अँधेरी थी, डर था कि चट्टान फिर से ढह जायेगी। इसलिए सुबह तक इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। सुबह 5 बजे एनडीआरएफ की टीम पहुंची। कुल 100 जवान थे बाद में स्थानीय बचाव दल पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया।

56 लोग लापता,मुख्यमंत्री ने लिया घटना का जायजा

इस गांव की आबादी करीब 250 लोगों की है। इस जगह पर 60 से 70 घर हैं। इनमें से 43 घर चपेट मे आए हैं। अब तक 150 लोगों को निकाल जा चुका है जब की 24 लोगों की मौत हो चुकी है अभी भी 57 के करीब लोग लापता होने की संभावना जताई जा रही हैं इस हादसे की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सुबह-सुबह खालापुर पहुचे। नागरिकों से पूछताछ की गई।उसके बाद दोपहर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे डेढ़ घंटे तक पैदल चलकर पहाड़ी पर पहुंचे।इस दौरान घटना का जायजा लिया।

अब तक क्या हुआ?

-रात करीब साढ़े दस बजे पहाड़ का कुछ हिस्सा टूट कर गिर गया

– कुछ देर बाद स्कूल मे सो रहे बच्चों ने देखा कि घर चट्टानों मे दबा हुआ है

-साढ़े 11 बजे गांव के सरपंच और कुछ ग्रामीण मौके पर पहुंचे

-रात 12 बजे उसने स्थानीय पुलिस और तहसील कार्यालय को सूचना दी

– रात 12:30 बजे स्थानीय पुलिस और एंबुलेंस समेत प्रशासन के अन्य कर्मी मौके पर पहुंचे

-एक से डेढ़ बजे के बीच स्थानीय विधायक महेश बाल्दी कार्यकर्ताओं के साथ दाखिल हुए

-दो बजे गिरीश महाजन ने मौके पर आकर निरीक्षण किया

-2.30 बजे उदय सामंत, दादा भुसे ने प्रवेश कर निरीक्षण किया

-2.45 बजे एनडीआरएफ की टीम पहुंची

-घटना के बाद से सुबह चार बजे तक स्थानीय लोग और मौजूद प्रशासन के कुछ कर्मी लोगों को बाहर निकालने मे जुट गए |

-सुबह 4.30 बजे पनवेल मनपा और नवी मुंबई मनपा के एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड कर्मी भी तलाशी अभियान के लिए पहुंचे।

-सुबह करीब 5 बजे इंएनडीआरएफ टीम और अन्य एजेंसियां दोबारा रेस्क्यू के लिए ऊपर गईं

-सुबह 6.30 बजे एनडीआरएफ ने छह अन्य टीमों के साथ सर्च ऑपरेशन शुरू किया

-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सुबह 7.30 बजे मौके पर पहुंचे,सुबह 7.45 बजे सीएम की ओर से फोन किया गया कि हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन किया जाएगा

-रविवार शाम को रेस्क्यू ऑपरेशन रोका गया

-सोमवार को जिला अधिकारी ने लापता लोगो को मृत घोषित करने के लिए भेजा प्रस्ताव

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