मुंबई। अंधेरी के गोखले पुल के पहले गर्डर को लांच करने में सफलता अर्जित की है। 90 मीटर लंबे और 13.5 मीटर चौड़े और 1300 मीट्रिक टन वजनी इस गर्डर को लांच करने में कई तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। मनपा प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि आगामी 15 दिनों में तकनीकी दृष्टिकोण से सबसे चुनौतीपूर्ण काम को पूरा करने के बाद 15 फरवरी तक गोखले पुल के एक लेन को खोलना संभव होगा।
उल्लेखनीय है कि गोखले पुल के लिए गर्डर लॉन्च करना इंजीनियरिंग दृष्टिकोण से बहुत ही चुनौतियों वाला काम है। पश्चिम रेलवे द्वारा मंजूर प्रारूप व निर्देश के अनुसार मे. राइट्स लि. के तकनीकी पर्यवेक्षणों के तहत यह काम प्रगति पर है। काम के जोखिमों के साथ ही तकनीकी पहलुओं की जांच करके रेलवे परिचालन और पॉवर ब्लॉक के समय रेलवे भूभाग में पहले चरण के गर्डर को नियोजित 75 फीसदी अंतर को काटकर रविवार सुबह तक सफलतापूर्वक लांच किया गया। इस महत्वपूर्ण चरण को पार करने से शेष गर्डर को लांच करना आसान होगा। साथ ही इस काम में सयम भी कम समय लगेगा।
11 दिन का लिया जाएगा ब्लॉक
आगामी 15 दिनों में यह इस गर्डर को 10 मीटर तक उत्तर की तरफ सरकाने और बाद में उसे 7.5 मीटर नीचे लाने का काम किया जाएगा। इस काम के लिए पश्चिम रेलवे ने 11 दिनों का ब्लॉक मंजूर किया है। इसके तहत प्रतिदिन रात के समय तीन घंटे में औसतन 550 मिमी तक गर्डर को नीचे लाया जाएगा। उपायुञ्चत उल्हास महाले ने कहा कि इस काम को करने में भी कई चुनौतियों से रूबरू होना पड़ेगा। विशेष विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में इस काम को पूरा किया जाएगा। तय ऊंचाई पर लाए जाने के बाद लेन के अगले काम को पूरा किया जाएगा।
देश की पहली योजना
मनपा के प्रमुख अभियंता विवेक कल्याणकर ने कहा कि किसी पुल का काम करते समय 7.5 मीटर ऊंचाई से गर्डर को एक विशिष्ट ऊंचाई पर लानेवाली यह हिंदुस्थान की पहली योजना है। मुंबई की लाइफ लाइन रेलवे परिसर में यह योजना शुरू की गई है। इस कारण सुरक्षा की दृष्टि से सभी तरह के ख्याल रखे जा रहे हैं। इसके साथ ही काम के गुणवत्ता पर भी विशेष फोकस है।
पुल की जानकारी
एक अप्रैल 2023 से शुरू हुए गोखले पुल के काम में करीब 1275 टन वजन के दो गर्डर लॉन्च किए जाएंगे। गर्डर के हिस्सों का फैब्रिकेशन अंबाला के कारखाने में तैयार हो रही है। तैयार किए गए खुले हिस्सों को असेंबल आदि की व्यवस्था अस्थाई तौर पर रेलवे के पूर्व में की गई है। पुल के प्रवेश लेन का काम दूसरे ठेकेदार के माध्यम से 80 फीसदी पूरा करा लिया गया है।