इस समय सोलापुर( solapur) लोकसभा से भारतीय जनता पार्टी (BJP) का उम्मीदवार(Solapur BJP Candidate) कौन होगा, इस बात को लेकर काफी हंगामा मचा हुआ है, भाजपा कार्यकर्ता की ओर से मांग की जा रही है कि उम्मीदवार स्थानीय होना चाहिए और मूल जाति का होना चाहिए। भाजपा कार्यकर्ताओं ने विभिन्न बैठकों में ऐसी तीखी राय व्यक्त भी की है। स्थानीय भाजपा नेताओं ने अमर साबले, दिलीप काम्बले, राम सातपुते जैसे कई बाहरी नेताओं को प्रत्यासी बनाने का विरोध किया है। सोलापुरकर ने चेताया है कि यदि बाहरी प्रत्यासी लाया गया तो भाजपा को निश्चित ही नुकसान होगा। उनकी जगह लोग कांग्रेस के प्रत्यासी की तरफ झुकाव करेंगे। ऐसे में कौरव मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणीति शिंदे की राह आसान हो सकती है।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूर्व नगरसेवक जाधव, बनसोडे, चांगदेव कांबले और जनसंघ के पुराने कार्यकर्ता व पत्रकार दिलीप शिंदे के नाम पर जोर दिया। खासकर दिलीप शिंदे एक पत्रकार हैं और वे क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ( आरएसएस) के एक अनुभवी कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। सोलापुर और मुंबई मंत्रालय में 16 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। 1990 में दिलीप शिंदे रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया अठावले समूह से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए और बहुत कठिन समय के दौरान भाजपा के लिए वफादारी से काम किया। माना जा रहा है कि अगर शिंदे को उम्मीदवार बनाया जाता है तो दिलीप शिंदे को अंबेडकरी समुदाय से काफी वोट मिल सकते हैं।
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जबरन प्रत्यासी थोपने के खिलाफ सोलापुर के लोग
बीड जिले में एमएलए राम सातपुते को सोलापुर से टिकट दिए जाने की चर्चा है लेकिन स्थानीय लोग उनजे पसंद नहीं करते हैं। क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं की माने तो दूर से आने वाले प्रत्यासी जीतने के बाद नजर नहीं आते गईं, उन्हें ढूढने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। कई बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि सोलापुर के पदाधिकारियों से मिलने और उनकी राय जानने वाले स्थानीय लोगों में से ही किसी को उम्मीदवार बनाया जाए।
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ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को जोड़ने वाले कार्यकर्ता
दिलीप शिंदे मूल रूप से दक्षिण सोलापुर तालुक के करदेहल्ली के रहने वाले हैं और यह सर्वविदित है कि उन्होंने पानी के लिए एक आंदोलन शुरू किया था। दक्षिण सोलापुर तालुक में रहने वाले गरीब झोपड़पट्टी धारकों के लिए भी कई सराहनीय काम किया है। दिलीप शिंदे ने सोलापुर लोकसभा उम्मीदवारी के लिए बीजेपी और संघ के वरिष्ठ नेताओं से मांग की है। उनकी उम्र 52 साल है। उनका परिवार शिक्षित है। उनका जन्म एक ग्रामीण इलाके में हुआ था लेकिन उन्होंने अपनी उपलब्धियों से सोलापुर शहर में अच्छा काम किया है। वह ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को जोड़ने वाले कार्यकर्ता हैं। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दिलीप शिंदे के नाम को प्राथमिकता दी है।
दिलीप शिंद वर्षों से मलिन बस्तियों के मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हैं, उन्होंने भगवान नगर मलिन बस्ती, राहुल गांधी मलिन बस्ती और अन्य मलिन बस्तियों को जल निकासी की व्यवस्था प्रदान करने और उन्हें सरकार के सुधारित मलिन बस्तियों में स्थायी बनाने का प्रयास किया है। अंबेडकरी समाज में अपनी सक्रिय भागीदारी के कारण दिलीप शिंदे को एक ऐसे कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है जो समाज के कल्याण के लिए लगातार प्रयास करते रहते हैं। क्षेत्र के रचना काम्बले ने बताया कि दिलीप शिंदे सोलापुर को उसका पुराना गौरव लौटाने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास का संतुलन बनाए रखने के लिए नरेंद्रजी मोदी और देवेंद्रजी फड़वानी के माध्यम से काम कर सकते हैं। वह हिंदू महार जाति से हैं और उनके पास जाति प्रमाण पत्र है।