मुंबई। मुंबई और दिल्ली जैसे कई शहरों में बीते कुछ सालों से लोगों की जीवनशैली में बहुत ज्यादा बदलाव आ गया है। इसमें ऐसे शहरों में देर रात तक जागने और कम नींद लेनेवाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन हाल ही में किए गए एक अध्ययन में ऐसी जानकारी सामने आई है, जो वाकई ऐसे लोगों की नींद उड़ा दी है। (Sleeping late at night is inviting death early!)इस नए अध्ययन से पता चला है कि जो लोग रात को देर से सोते हैं उनकी मौत जल्दी होती है। इसके साथ ही रात में जागने वाले लोगों में तंबाकू और शराब का सेवन अधिक देखा गया है। अध्ययन से यह भी पता चला है कि इससे उत्पन्न होनेवाली आदतें व्यक्ति की मौत के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हो रही हैं।
क्रोनोबायोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में शुक्रवार को प्रकाशित अध्ययन 2002 के फिनिश ट्विन कोहार्ट के मध्यम से किया गया है। अध्ययन में साल 1981 से 2018 तक लगभग 24,000 जुड़वां बच्चों पर डेटा एकत्र किया गया। इस अध्ययन में उनके स्वास्थ्य संबंधी व्यवहार और बीमारी के कारणों का पता लगाने की कोशिश की गई। अध्ययन में प्रत्येक जुड़वां से यह सवाल पूछा गया कि क्या वे सुबह और शाम को अधिक जागते है या सोते है। उन्हें इसमें से एक ही विकल्प चुनने को कहा।
रात में देर तक जागते है 33 फीसदी लोग
इस अध्यनन में लगभग 33 प्रतिशत ने कहा कि वे देर तक जागते हैं, जबकि 29 प्रतिशत ने कहा कि वे सुबह जल्दी उठते हैं। डेटा इकट्ठा करने के बाद देखा गया कि देर रात तक जागने वाले लोगों की मृत्यु दर में 9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। साथ ही इन लोगों में शराब, धूम्रपान, वजन बढ़ना और सोने का समय कम होना भी पाया गया।
पुरानी बीमारियों के विकसित होने का रहता है खतरा
अध्ययन में यह भी जानकारी सामने आई कि देर रात तक जागने वाले लोगों में पुरानी बीमारियों के विकसित होने का खतरा अधिक हो सकता है। इसमें बताया गया है कि रात में बैठने से एरोबिक फिटनेस का स्तर कम हो गया और उनकी वसा भी कम बर्न हुआ दिखाई दिया।
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