मुंबई। (MUMBAI UNIVERSTY)कई कॉलेजों के प्रोफेसर(Professor)परीक्षा के मूल्यांकन(Evaluation)में हिस्सा नहीं ले रहे हैं, जिसके कारण परीक्षा परिणाम(Test result)घोषित करने में देरी हो रही है। यह संज्ञान में आते ही मुंबई यूनिवर्सिटी(Mumbai University) हरकत में आ गई है और ऐसे कॉलेजों पर और मूल्यांकन में शामिल न होनेवाले प्रोफेसर के खिलाफ कड़ा फैसला किया है। इसके तहत इन पर यूनिवर्सिटी अधिनियम के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
यूनिवर्सिटी अधिनियम के अनुसार किसी परीक्षा का परिणाम 30 दिनों के भीतर, जबकि अधिकतम 45 दिनों में घोषित करना आवश्यक है। लेकिन समय पर मूल्यांकन नहीं होने के कारण यूनिवर्सिटी निर्धारित समय के भीतर परीक्षा परिणाम घोषित नहीं कर पाता है, जिसके कारण रिजल्ट में देरी होती है। वहीं जब यूनिवर्सिटी ने रिजल्ट में देरी के पीछे की वजह की पड़ताल की, तो पता चला कि कुछ कॉलेज और प्रोफेसर मूल्यांकन में हिस्सा नहीं ले रहे थे।
बार – बार दी गई सूचना
यह देखने में आया है कि युनिवर्सिटी द्वारा उक्त कॉलेजों और प्रफेसरों को बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद ये मूल्यांकन के मामले में यूनिवर्सिटी के निर्देशों की अनदेखी कर रहे हैं। इसके चलते रिजल्ट घोषित करने में देरी हो रही है। कानून के अनुसार कॉलेजों और प्रोफेसरों द्वारा मूल्यांकन करना अनिवार्य है। इसलिए यूनिवर्सिटी ने ऐसे कॉलेज और प्रोफेसर के खिलाफ महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी अधिनियम के तहत कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। साथ ही ऐसे कॉलेजों और प्राध्यापकों को जल्द पत्र भेजने का निर्णय लिया है।
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