मुंबई । (ATM) नोटबंदी के 76 महीने बाद भी नकदी का बोलबाला है। मार्च 2023 के अंत में एटीएम से नकद निकासी 235% बढ़कर 2.84 लाख करोड़ रुपये हो गई, यह बात सीएमएस इन्फोसिस्टम्स द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए सरकार के दबाव के बावजूद, नकद निकासी के माध्यम के रूप में भारतीयों को सबसे अधिक आकर्षित कर रहा है। सीएमएस इंफो सिस्टम्स द्वारा ‘सीएमएस इंडिया कैश रिपोर्ट के अनुसार, नोटबंदी के 76 महीनों के भीतर मार्च 2023 में एटीएम से नकद निकासी 235 प्रतिशत बढ़कर 2.84 लाख करोड़ रुपये हो गई। यह उपभोक्ताओं द्वारा नकदी के उपयोग पर पहली व्यापक इंडस्ट्रियल रिपोर्ट है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सीएमएस इंफो सिस्टम्स द्वारा किए गए पैन-इंडिया एटीएम कैश रीप्लेसमेंट में वित्त वर्ष 2023 में 16.6 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि देखी गई। महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश को मिलकर देश भर में सीएमएस इंफो सिस्टम्स द्वारा भरे गए कुल एटीएम कैश का 43.1% हिस्सा लिया।
सीएमएस इंफो सिस्टम्स के अनुसार, संयोग से, ये वित्तीय वर्ष 2022 में अधिकतम सकल राज्य घरेलू उत्पाद वाले टॉप 5 राज्य हैं। वित्त वर्ष 2023 में कर्नाटक में प्रति एटीएम में ₹1.73 करोड़ की उच्चतम वार्षिक औसत नकदी पुनःपूर्ति देखी गई, जो फाइनेंशियल वर्ष 2022 के दौरान प्रति एटीएम ₹1.46 करोड़ की तुलना में 18.1% अधिक थी। वही छत्तीसगढ़ में फाइनेंशियल वर्ष २०२३ में ₹1.58 करोड़ की दूसरी सबसे बड़ी नकदी पुनःपूर्ति देखी, लेकिन वित्त वर्ष २०२२ में ₹1.62 करोड़ से 2.1% की गिरावट आई।
बैंक वसूलते है चार्ज फिर भी बढ़ी हुई नगद निकासी
बैंक के एटीएम से पैसे निकालने पर पहले 3 ट्रांजैक्शन बिल्कुल फ्री है। इसमें फाइनेंशियल और नॉन फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन दोनों ही शामिल हैं। ट्रांजैक्शन करने पर कुछ पैसे चार्ज के तौर पर देना होता है। लेकिन इसके बावजूद भी लोगों द्वारा कैश की निकासी जोड़ तोड़ से हुई है।
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