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Kirit Somaiya reprimanded for high court: हाईकोर्ट की फटकार , न्यायिक जाँच का आदेश , कोर्ट का आदेश और एफआईआर की कॉपी सोमैया को पहले कैसे मिली

मुंबई। कोल्हापुर (Kolhapur) के राकांपा नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री हसन मुश्रीफ( Hassan mushrif) को शुक्रवार को मुंबई उच्च न्यायालय (Mumbai High Court) ने बड़ी राहत (Kirit Somaiya reprimanded for high court)

दी है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि पुलिस उनके खिलाफ फिलहाल किसी तरह की कार्रवाई न करें। वहीं इस तरह के आदेश के बाद मामले में उछलकूद मचाने वाले भाजपा नेता किरीट सोमैया(BJP leader Kirit Somaiya) को जबरदस्त झटका दिया है। उच्च न्यायालय ने पुणे के प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश को निर्देश दिया है कि किरीट सोमैया ने मुश्रीफ के खिलाफ प्राथमिकी और पुणे सत्र न्यायालय के आदेश की प्रमाणित प्रति कैसे प्राप्त की, इसकी गहन जांच की जाए। इसलिए राजनीतिक विरोधियों को बेवजह निशाना बनाना सोमैया को बहुत महंगा पड़ा है।
हसन मुश्रीफ के खिलाफ कोल्हापुर के मुरगुड पुलिस थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया। उसके बाद ईडी के मामले में नाहक फंसाने की कोशिश शुरू हुई। उस पृष्ठभूमि पर कार्रवाई को स्थगित के साथ ही एफआईआर रद्द करने की मांग करते हुए मुश्रीफ के वकील एड. प्रशांत पाटील के जरिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने उनकी याचिका पर गंभीरता से संज्ञान लिया। इस मामले में शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील आबाद पोंडा ने कड़ी दलील दी और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। इसके साथ ही ईडी और किरीट सोमैया की ओर से इस मामले में शुरू उछलकूद को खंडपीठ के संज्ञान में लाया। इसे एक राजनीतिक साजिश होने का दावा उन्होंने बरकरार रखा। उनके तर्कों के बाद पुलिस का पक्ष रखने खड़े हुए अतिरिक्त सरकारी वकील वाई.पी. याग्निक ने संक्षेप में कहा कि पुलिस किसी की ओर से काम नहीं कर रही है। इस पर खंडपीठ ने उन पर सवालों की झड़ी लगा दी और उनकी बोलती बंद कर दी। खंडपीठ ने पुलिस जांच में विसंगतियों और सोमैया की लिप्तता की ओर इशारा किया। वहीं इस दौरान मुश्रीफ के खिलाफ एफआईआर को पुलिस ने अभी तक आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया है। यहां तक ​​कि मुश्रीफ को भी एफआईआर की कॉपी नहीं दी गई। लेकिन उसी एफआईआर की प्रमाणित प्रति अगले ही दिन सोमैया के ट्विटर अकाउंट पर दिखाई दी, जिसे अदालत के संज्ञान में लाया गया। इस पर संज्ञान लेते हुए पीठ ने पुणे के प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश को मामले की गहन जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसलिए सोमैया की दिक्कतें बढ़ गई है।

मुश्रीफ के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई मत करो!

हसन मुश्रीफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने वाली कोल्हापुर पुलिस को हाईकोर्ट ने लगाई । कोर्ट ने पुलिस को अगले आदेश तक चार्जशीट दायर नहीं करने या मुश्रीफ को गिरफ्तार नहीं करने का भी आदेश दिया। मुश्रीफ के खिलाफ एफआईआर की कॉपी किरीट सोमैया तक कैसे पहुंची? पुलिस ने अभी तक आधिकारिक वेबसाइट पर एफआईआर की कॉपी अपलोड क्यों नहीं की? सरकारी वकील को इस संबंध में एक विस्तृत हलफनामा दायर करने का भी आदेश दिया गया है ।

सोमैया की गोलमाल!

हसन मुश्रीफ से जुड़े मामले में पुणे सत्र न्यायालय ने एक अप्रैल 2022 को आदेश पारित किया था| उसी दिन शाम करीब 7.40 बजे सोमैया ने अपने ट्विटर अकाउंट पर आदेश की प्रमाणित प्रति पोस्ट की | साथ ही इसी साल 24 फरवरी को हसन मुश्रीफ के खिलाफ मुरगुड थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था| इस बार भी अगले ही दिन किरीट सोमैया के ट्विटर अकाउंट पर एफआईआर की कॉपी दिखाई दी| विशेष कि पुलिस ने 1 मार्च को मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने एफआईआर की कॉपी पेश की। यहां तक कि मुश्रीफ को भी सोमैया के ट्विटर अकाउंट से संबंधित प्राथमिकी की एक प्रति प्राप्त करनी थी। यह गंभीर मामला हाईकोर्ट के संज्ञान में लाया गया।

याचिका में क्या कहा है ?

हसन मुश्रीफ ने मुरगुड पुलिस द्वारा धोखाधड़ी के आरोप में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का निवेदन किया है| उन्होंने याचिका में बताया है कि यह प्राथमिकी नाहक ईडी मामले को फंसाने की साजिश है। राज्य में जानबूझकर विपक्ष को निशाना बनाया जा रहा है मुश्रीफ के वकीलों ने साहसपूर्वक दावा किया कि भाजपा नेता किरीट सोमैया ने यह अभियान चलाया है और वे शिकायत कर रहे हैं और ईडी उनकी शिकायत पर कार्रवाई किए जाने की जानकारी हसन मुश्रीफ के वकीलों ने कोर्ट को बताया है |

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