आत्मा प्रसाद पाण्डेय की कविताओं का संकलन कर आत्मशारदा काव्य संग्रह का विमोचन माननीय राज्यपाल ने राजभवन में सोमवार को किया गया। इस अवसर पर मु्म्बई विश्वविद्यालय के हिंदी के विभागाध्यक्ष व वरिष्ठ वक्ता डॉं करूणा शंकर उपाध्याय सहित आदि लोग उपस्थित थे। इस कविता संग्रह का साहित्यकार, निर्लम निर्माता एंव समाजसेवी राकेश कुमार पाण्डेय ने सम्पादित व संकलन किया है। राकेश कुमार आत्मा प्रसाद पांडेय के पुत्र हैं।
राज्यपाल ने आत्मशारदा के विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि संकलन कि विशेषता यह है कि इसकी कविताओं में एक निश्चल मन की सहज अभिव्यक्ति दिखाई पड़ती है। यह उत्कृष्ट ५० कविताओं के संकलन में प्रेम ,सौंदर्य,प्रकृति और जीवन के विविध पक्षों पर लिखी अविस्मरणीय कवितायें है। राकेश पांडेय ने कहा कि वहीं पर शास्त्री जी का निधन, तिरंगा, जय जवान ऐसी कवितायें पाठक को देश प्रेम से भर कर मन मोह लेती हैं। इन कविताओं में जीवन के एकांतिक अनुभवों से लेकर अपने समय और समाज के ज्वलंत संदर्भों का भी सही चित्रण हुआ है।
इस संकलन की एक विशेषता यह भी है कि इसकी अधिकांश कविताएँ मानव मूल्यपरक हैं,इनमें कोई न कोई संदेश निहित है ।इस संकलन की पहली कविता ‘जलना’ शीर्षक से है और अंतिम ‘ यामिनी’ शिर्षक से है। इसमें कालिदास के मेघदूत को भी याद कर ‘मेघदूत’ कविता कवि ने लिखी हो जो प्रकृति के सौंदर्य के उपमा से सुशोभित होती हुई प्रेम और विछोह के भावों को अलंकृत करती है। इस काव्य संग्रह का जनमानस खुले मन से स्वागत करेगा ।