महाराष्ट्र के पुणे (pune from maharashtra) से एक झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। जहां परिवार की बहू का मासिक धर्म (Menstrual blood sale) के दौरान निकले वाले रक्त को निकालकर उसे बेचा जाता था। आश्चर्य है कि उसके खरीददार 50 हजार रुपए लेकर तैयार रहते थे। मामला तब उजागर हुआ जब बहू किसी बहाने अपने मायके पहुंची और फिर वहां से लौटने से इनकार दिया। बहू को जबरन लाने का प्रयास किया गया। तब उसने पुलिस को पूरी हकीकत बताई। पुलिस ने भी कार्रवाई करते हुए उसके देवर सहित अन्य तीन को गिरफ्तार किया है।
बीड जिले की एक महिला की शादी पुणे में हुई थी। पुणे के विश्रांत वाडी में वह महिला अपने परिवार के साथ रहती थी। उसके देवर ने उससे मासिक रक्त की मांग की। लेकिन उस महिला ने उसे मासिक रक्त देने से इनकार कर दिया। देवर ने कहा कि उसे ऐसी महिला का मासिक रक्त चाहिए जिसे बच्चा न जन्मा हो, महिला गुस्सा हो गई। और कहा कि तुम्हारी पत्नी से जॉकर ले लो, उससे जो चाहो तो मांगों, मुझसे कुछ ऐसा वैसा नहीं मांगना। लेकिन उसके देवर को तो उसका मासिक रक्त चाहिए था आखिर वह उसके लिए 50 हजार रुपए का सौदा कर चुका थ। एक दिन मुक़ा देखकर उसका देवर, चचेरा देवर, एक पड़ोसी ने महिला के साथ जोर जबरदस्ती कर मासिक रक्त निकाला। उसके बाद यह घटना कई बार हुई।
इस बारे में महिला ने अपने सास को भी बताया, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। फिर एक दिन किसी बहाने से वह महिला अपने मायके चली गई। लेकिन बाद में उसने मायके से वापस लौटने से साफ इंकार कर दिया। एक मामले में जांच करते हुए उसके मूल गांव बीड में उसके मायके पहुंची। तब इन सब बातों का खुलासा हुआ। पुलिस ने महिला का बयान लेकर पीड़ित की शिकायत दर्ज कर ली है। आरोपियों पर घरेलू हिंसा, अशांति और अभद्रता करने की धारा 377, धारा 498 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
आरोपियों ने खुसा किया है कि वे बहू के मासिक रक्त का उपयोग काला जादू के लिए करते थे। महिला के एक मासिक रक्त के नमूने के लिए वे लोग ग्राहकों से 50 हजार रुपए वसूलते थे। आरोपियों ने बताया कि काला जादू के लिए जिन बहुओं को बच्चे जन्मे नहीं है उनके मासिक रक्त की डिमांड ज्यादा होती थी।