मुंबई। राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन भारत (एनएलसी भारत) आज महाराष्ट्र में मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में शुरू हुआ।इस सम्मेलन का उद्देश्य देश में लोकतंत्र की नींव को मजबूत करना है। आज यानी गुरुवार को इस एतिहासिक यात्रा के उद्धाटन के गवाह बने देश भर से आये 2000 विधायक पार्टी लाइन से इतर ये विधायक अगले तीन दिनों तक यहां देश में चल रही विकास योजनाओं का लाभ हर नागरिक को कैसे मिले इसपर मंथन करेंगे।
अपने स्वागत भाषण में महाराष्ट्र विधानसभा के माननीय अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने संसदीय लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने के लिए रचनात्मक विचार-विमर्श और सम्मेलन में निर्धारित विभिन्न सत्रों पर महत्व दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सम्मेलन के दौरान विधायकों को जो जानकारी और अंतर्दृष्टि मिलेगी उससे उन्हें उनके क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी। जिससे राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर सुशासन कायम करने में मदद मिलेगी।
महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे ने पूर्व और वर्तमान लोकसभा अध्यक्षों और विधान सभाओं के ध्यक्षों और को एक ही स्थान पर एक साथ लाने की उल्लेखनीय उपलब्धि को रेखाकिंत किया। उन्होंने इस चुनौती को अपनाने के लिए एमआईटी-एसओजी और राहुल कराड की प्रशंसा की।
सम्मेलन के उद्घाटन दिवस के दौरान, एनएलसी भारत के संरक्षकों ने विधायकों का गर्मजोशी से स्वागत किया। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने एनएलसी भारत के संयोजक हुल कराड के दूरदर्शी दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला. उन्होंने उपस्थित विधायकों से पार्टी लाइन से इतर जाकर अलग-अलग राज्यों और पूरे देश की उन्नति के लिए एक साथ काम करने का आह्वान किया। लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष शिवराज पाटिल ने भी राहुल कराड को सम्मेलन आयोजित करने के लिए बधाई दी।
अगले तीन दिनों में, प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति, प्रसिद्ध विद्वान और विधायक हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने के उद्देश्य से चर्चा में शामिल होंगे. इन चर्चाओं में दस विषयगत समानांतर सत्रों में सुनियोजित तरीके से अधिकतर मुद्दों पर बात होगी। प्रत्येक सत्र में वरिष्ठ सदस्यों के मार्गदर्शन में 50 विधायक विभिन्न विषयों पर गहराई से विचार करेंगे।
इसके अतिरिक्त, छह गोलमेज सत्र राजनीतिक नेताओं, आध्यात्मिक हस्तियों, व्यापार और उद्योग के नेताओं और कानूनी दिग्गजों को विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करेंगे। सभी पूर्ण सत्र में सम्मलेन में भाग लेने वाले सभी विधायक हिस्सा लेंगे।जैसा की उद्घाटन सत्र में लिया। विशेष रूप से, ‘टेल ऑफ़ द टॉल’ जैसे पूर्ण सत्र में वेंकैया नायडू और शरद पवार जैसे बड़े नेता शामिल होंगे। ये नेता समापन कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के विधायकों का मार्गदर्शन करेंगे।
आजादी के 75 वर्ष और भारतीय लोकतंत्र का जश्न मनाने के लिए यहां पर एपीजे अब्दुल कलाम एक्सपो पवेलियन बनाया गया है. एक्सपो में देश भर के विधायकों में से चुने गये 75 विधायकों के काम, जमीनी स्तर पर बदलाव लाने वाले 75 सराहनीय स्टार्टअप, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 75 सराहनीय कार्यक्रम, दुनिया के अन्य लोकतांत्रिक देशों के 75 सराहनीय काम जिनसे लोकतंत्र को मजबूती मिली और लोकतंत्र की भावना को मजबूती देने वाली दुनिया भर से जुटायी 75 मूर्तियां शामिल की गई है।
कल यानी शुक्रवार को सम्मेलन के दूसरे दिन ‘रैंप ऑफ़ डेमोक्रेसी’ का आयोजन होगा। जिसका संचालन प्रसिद्ध पार्श्व गायिका पद्म उषा उथुप करेंगी। ‘रैंप ऑफ़ डेमोक्रेसी’ में सम्मलेन में हिस्सा लेने आये देशभर के विधायक अपने राज्य और संस्कृति से जुड़े परिधानों में नजर आएंगे।
सम्मेलन का आयोजन एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट द्वारा भारतीय छात्र संसद के साथ साझेदारी में किया जा रहा है. एनएलसी भारत का उद्देश्य विधायकों को सशक्त बनाना, सहयोग को बढ़ावा देना और हमारे लोकतंत्र को मजबूत करना है. इस आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य सुशासन और लोकतांत्रिक मूल्यों की मजबूती के माध्यम से विधायी निकायों की स्वायत्तता को बढ़ाने पर है।
इन 10 मु्द्दों पर होगी व्यपाक चर्चा
1. अपने निर्वाचन क्षेत्र को विकसित करने की कला और शिल्प
2. सतत विकास के उपकरण और उनका प्रभाव
3. कल्याणकारी योजनाएं : अंतिम व्यक्ति का उत्थान
4. नौकरशाह और विधायकों के बीच सामाजिक भलाई के लिए सहयोग
5. आर्थिक कल्याण के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
6. वर्क लाइफ बैलेंस : सफलता की कुंजी
7. सार्वजनिक जीवन में तनाव प्रबंधन
8. छवि निर्माण के लिए तकनीक का इस्तेमाल
9. विधायी प्रदर्शन – उम्मीदों पर खरा उतरना
10. सराहनीय विधायी प्रथाएं विभिन्न विषयों पर छह गोलमेज चर्चाएं भी रखी गई है