मुंबई।(Goregaon to Mulund in 15 minutes) पूर्वीय और पश्चिम उपनगर के छोर को कनेक्ट करने के लिए मनपा की ओर से प्रस्तावित गोरेगांव मुलुंड लिंक रोड परियोजना का काम अब तेज गति से होगा। इस परियोजना के तहत संजय गाँधी नॅशनल पार्क के बीच पहाड़ों के निचे से सुरंग बनान की योजना के लिए ठेकदार मिल गया है। मनपा द्वारा आमंत्रित टेंडर प्रक्रिया में जे कुमार-एनसीसी ने बाजी मारी है। यहाँ सुरनग खुदाई के लिए ६३०१ करोड़ रुपये की बोली लगाकर टेंडर उक्त कंपनी ने जीता है। यह कंपनी ४.७ किमी लम्बी जुड़वा सुरंग की खुदाई करेंगी। इसके लिए समय सीमा भी सुनिश्चित की गई है।
बतादें गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड पश्चिमी और पूर्वी उपनगर को जोड़ने के लिए मनपा द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इस परियोजना के तहत, पश्चिमी उपनगरों में गोरेगांव के फिल्म सिटी से पूर्व उपनगर में मुलुंड के खिंडीपाडा तक एक जुड़वां और भूमिगत सुरंग का निर्माण प्रस्तावित है। इस सुरंग के निर्माण के लिए चल रही टेंडर प्रक्रिया सफल रही है। सबसे कम बोली जकुमार-एनसीसी जेवी ( संयुक्त तत्वाधान ) ने लगाई है।
सांताक्रूज़-चेंबूर, अंधेरी-घाटकोपर, जोगेश्वरी-विक्रोली तीन सड़क परियोजना हैं जो मुंबई के पूर्वी और पश्चिमी उपनगर को जोड़ते हैं। हालाँकि, दोनों उपनगरों में बढ़ती आबादी और वाहन यातायात को देखते हुए मनपा ने गोरेगांव और मुलुंड के बीच चौथे कनेक्टिविटी के निर्माण की परियोजना शुरू की है। करीब 12.20 किलोमीटर की इस सड़क से न सिर्फ गोरेगांव से मुलुंड तक की दूरी बहुत कम समय में तय करना संभव हो सकेगा, बल्कि ईंधन की भी काफी बचत होगी।
विशेष :
प्रत्येक सुरंग 4.70 किमी की होंगी।
आंतरिक व्यास 13 मीटर होगा।
सुरंग पहाड़ के नीचे पूरी तरह से भूमिगत हो जाएगी।
सुरंग पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है।
सुरंग की निर्माण अवधि 60 महीने यानी 5 साल होने की उम्मीद है
सुरंग का काम अक्टूबर 2023 से शुरू किया जाएगा,
सुरंग में अधिकतम गति – 80 किमी प्रति घंटा
तीन लेन और फुटपाथ होगा।
गोरेगांव-मुलुंड की कुल लंबाई लिंक रोड लगभग 12 .20 किमी है
गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड की प्रस्तावित चौड़ाई 45.70 मीटर
जमीन के नीचे सुरंगों की गहराई – 20 से 220 मीटर
समानांतर सुरंगों का व्यास 14.20 मीटर
दोनों सुरंग के बीच की दूरी – 15 मीटर
दोनों सुरंगें हर 300 मीटर पर सड़कों द्वारा इंटरलिंकिंग करती हैं
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत मनपा द्वारा सिर्फ एक ही स्कूल पर कार्रवाई की गई