मुंबई।(Ganpati festival) गणेशोत्सव को लेकर लोग गणेश की मूर्तियों की खरीदारी से लेकर उनके आगमन और विसर्जन तक की तैयारी में जुट गए हैं। ऐसे मे इस साल गणेश उत्सव पर महंगाई की मार दिखाई दे रहा है।। मूर्ति से लेकर पकवान तक सभी वस्तुएं महंगी हो गई हैं। इस कमरतोड़ महंगाई का विघ्न बरकरार होने के बाद भी गणेश भक्तों के हौसले कमजोर नहीं दिखाई दे रहे है।
रायगड जिले का पेण मूर्ति निर्माताओं के लिए प्रसिद्ध हैं। इसलिए इन गांवों से प्रदेश के सभी जिलों के साथ ही विदेशों तक मूर्तियां भेजी जाती हैं। लेकिन इस साल मूर्तियां बनाने के लिए जरूरी कच्चे माल की कीमत काफी बढ़ गई है। ऐसे में लोगों को एक फीट की गणेश मूर्ति के लिए कम से कम तीन से चार हजार रुपए चुकाने पड़ेंगे। फिलहाल गणेशोत्सव को आने में अभी एक माह का समय है। ऐसे में अभी से भक्तों ने बप्पा की मूर्तियों की बुकिंग भी कर ली है।
25 फीसदी बढ़े मूर्तियों के दाम
पेण में स्थित सपना मूर्ति कारखाने के मालिक पांडुरंग गायकवाड ने बताया कि मुंबई समेत देश के कई राज्यों से पेण में बनी मूर्तियों को खरीदने के लिए लोग आते हैं। हालांकि इस साल मूर्तियां तो बना ली गई थी लेकिन जुलाई महीने में हुई जोरदार बारिश के चलते चिकनी मिट्टी की सभी मूर्तियां गल गई। ऐसे में मूर्ति कारों को फिर से मूर्तियों को बनाना पड़ा। ऐसे में मूर्तियों के सूखने में समय लग रहा है। इसके अलावा चिकनी मिट्टी भी महंगी हो गई है इसका असर गणेश मूर्तियों पर पड़ रहा है। साथ हॉल इनके दाम 25 फ़ीसदी बढ़ गए हैं।
गणपति की मूर्तियां बनाने के लिए आवश्यक कच्चे माल में वृद्धि के कारण मूर्तियों की कीमत में भी वृद्धि हुई है। बताया जा रहा है कि राज्य के कई हिस्सों में मूर्तियों की कीमत में कम से कम 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। गणेशोत्सव में बप्पा की मूर्ति के दाम बढ़ने से भक्त भी बेजार दिखाई दे रहे हैं।
महामारी ने किया था किरकिरी
कोरोना महामारी के कारण साल 2020 से लेकर 2022 तक कई सार्वजनिक उत्सवों पर रोक लगा दी गई थी। ऐसे में पिछले तीन-चार वर्षों से जनता अपनी इच्छानुसार बिना रोक-टोक के त्यौहार नहीं मना पा रहे थे, जिसके चलते त्यौहारों को मानने में दिक्कतें हो रही थीं। हालांकि पिछले साल से त्योहारों पर लगी पाबंदियों में ढील दी गई। लेकिन इसके बाद से ही महंगाई की मार पड़ी है।
महंगाई के बावजूद उत्साह नहीं हुआ है कम
महंगाई के बावजूद बड़ी मूर्तियों को खरीदकर पंडाल तक ले जाना शुरू हो गया है। मुंबई में कई सार्वजनिक गणेश मंडल एक महीने पहले ही गणेश प्रतिमा को पंडाल में ले जाते हैं। इसलिए अब मूर्तिकारों द्वारा मूर्तियों पर रंग का अंतिम काम किया जा रहा है। इतना ही नहीं मूर्तियों की कीमत बढ़ी है तो लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ है।
महंगा हुआ मोदक और पूजन सामग्री
इस साल कई मिठाई की दुकानों में मोदक 700 1350 रुपए प्रति किलो में बिकेंगे। वहीं बूंदी के लड्डू की कीमत 780 रुपए प्रति किलो और मोतीचूर के लड्डू की कीमत 680 रुपए प्रति किलो है। इस तरह इसकी कीमत भी पिछली गणेश चतुर्थी के मुकाबले काफी बढ़ गई है। इस बारे में एक मिठाई डीलर ने कहा कि पिछले एक साल में दूध और चीनी के दाम बढ़े हैं। इस वजह से मोदक, बूंदी के लड्डू समेत मिठाइयों में पिछले साल के मुकाबले इजाफा हुआ है। इसी तरह पूजन सामग्री और पंडालून की साज सज्जा भी महंगी हो गई है।