मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi)की घोषणा के मुताबिक देश के करोड़ों नागरिकों को राशन की दुकानों से मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। खास बात है कि कोरोना काल(corona period) मे मोदी ने इस संबंध में घोषणा की थी। उसके बाद भी 80 करोड़ नागरिकों को मुफ्त अनाज देने की योजना जारी रखी गई है। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल(central cabinet)की बैठक में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया। इस फैसले के बाद अब देश की जनता को अगले पांच वर्षों तक मुफ्त अनाज मिलेगा। हालांकि इस योजना में मोदी के फोटो ने मुफ्त भोजन के खर्च को बढ़ा दिया है। बताया गया है कि योजना के लिए बैग की छपाई से खर्च तीन गुना बढ़ गया है। इसे लेकर विपक्ष ने आवाज उठाना शुरू कर दिया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार के विधायक जीतेंद्र आव्हाड ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा है कि मोदी सरकार की यह पब्लिसिटी स्टंट है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से देश की जनता को राशन की दुकानों से निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। केंद्र सरकार इस अनाज वितरण प्रणाली पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। योजना के तहत अनाज को जिस बैग में पैक कर उसे बांटा जा रहा है, उस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो छपी हुई । इसे लेकर सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में बतााय गया है कि इन बैगों पर भारी भरकम खर्च किया गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक जीतेंद्र आव्हाड ने अपने एक्स अकाउंट से इसकी जानकारी दी है। इसमें उन्होंने बताया है कि आरटीई में यह भी जानकारी दी गई है कि एक बैग की कीमत 12.37 रुपए है। राजस्थान के जयपुर स्थित भारतीय खाद्य निगम से ‘आरटीआई’ से प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार की गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त राशन वितरण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाले बैग पर 13,29,71,454 खर्च किए गए हैं। ये आंकड़े अकेले राजस्थान के हैं।
करोंड़ों में जाएगा बैग पर खर्च
जीतेंद्र आव्हाड ने ट्वीट में बताया है कि हिंदुस्थान में कुल 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेशों पर नजर डालेंगे, तो मोदी के फोटो वाले बैगों पर कितने करोंड़ों खर्च हुए होंगे, इसकी कल्पना करिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी सवाल किया कि मोदी की तस्वीर वाले बैग की जरूरत ही क्यों है? एक तरफ जहां कहते हैं कि हम गरीबों का कल्याण कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ अनावश्यक खर्च को बढ़ाया जाता है। आव्हाड ने एक्स के माध्यम से यह भी सुझाव दिया है कि इस फिजूलखर्ची का इस्तेमाल और लोगों को अधिक अनाज या खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए किया जा सकता था। जनता की गाढ़ी कमाई का खुलेआम दुरुपयोग हो रहा है। भ्रष्टाचार के नाम पर गला काटनेवाली भाजपा सरकार अपनी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए उनके पैसे से अपना चुनाव प्रचार कर रही है।
81 करोड़ नागरिकों को लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को 1 जनवरी 2024 से अगले पांच साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। कोरोना के दौरान लॉकडाउन की मार झेल रहे गरीबों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने यह योजना शुरू की थी। गरीबों की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का हर बार विस्तार किया गया। मुफ्त राशन योजना का विस्तार करने के मोदी सरकार के फैसले से देशभर के कुल 81 करोड़ लाभार्थियों को फायदा होगा। इसमें सभी को पांच किलो अनाज मुफ्त मिलेगा।