मुंबई। लद्दाख में चरवाहों के एक समूह ने चीनी सैनिकों से बहादुरी से मुकाबला किया इसका वीडियो सामने आया है। दरअसल चीनी सैनिकों ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भेड़ों को चरने से रोकने की कोशिश की। उस समय चरवाहों ने साहस दिखाया और कहा कि वे यह भूमि नहीं छोड़ेंगे और कहा कि यह भारत की भूमि है तथा इस क्षेत्र में भेड़ों का चारागाह है। इस घटना के बाद हिंदुस्तानी चरवाहों की तारीफ हो रही है और केंद्र सरकार की आलोचना हो रही है।
राष्ट्रवादी विधायक जीतेंद्र आव्हाड ने भी केंद्र सरकार की आलोचना की है। आव्हाड ने घटना का वीडियो अपलोड किया और ट्विटर पर एक पोस्ट साझा किया। ”पूरे देश को देशभक्ति का पाठ पढ़ाने वाली, देशभक्ति की ताकत दिखाने वाली केंद्र सरकार चीन का मुद्दा आते ही फंस जाती है। 2 जनवरी को एलओसी के पास पेट्रोल पॉइंट (पीपी) 35 और 36 के पास शूट किए गए एक वीडियो में चीनी सैनिकों और स्थानीय भारतीय चरवाहों के बीच झड़प साफ दिखाई दे रही है। भारतीय सैनिकों ने अप्रैल-मई 2020 से इस क्षेत्र में गश्त बंद कर दी है। कई जगहों पर जहां पहले गश्त की जाती थी, उस क्षेत्र को ‘बफर जोन’ घोषित कर दिया गया है। सोशल मीडिया पर धार्मिक मुद्दों से जुड़े ‘फर्जी’ वीडियो से ‘प्राइम टाइम’ चर्चा बटोरने वाली गोदी मीडिया अब जमीन पर बैठी है। आव्हाड ने इस पोस्ट में आलोचना करते हुए कहा कि, ”भारत की सीमाएं उस सरकार के हाथों में सुरक्षित नहीं हैं, जो केवल चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाती है और आम आदमी की आंखों में धूल झोंकती है।”