मुंबई। महिलाओं(ladies)के लिए सबसे अधिक सुरक्षित शहर के रूप में पहचाने जाने वाली मुंबई शहर अब असुरक्षति होने लगी है। इसका मुख्य कारण मुंबई में महिलाओं के खिलाफ रोजाना हो रही हिंसा है। इतनी भीड़ भरी मुंबई में महिलाएं घर में भी सुरक्षित नहीं हैं।इसका खुलासा मुंबई पुलिस के रिपोर्ट में हुआ है। पिछले चार महीने महिलाओं के साथ हुए गंभीर प्रकार के 1966 मामले दर्ज किए गए है। मुंबई पुलिस के रिपोर्ट के अनुसार पिछले चार महीने मे 93 पुलिस स्टेशन में हत्या ,अपहरण ,हत्या की कोशिश ,दहेज प्रथा ,लैंगिक शोषण ,विनयभंग आदि के 1966 मामले दर्ज किए गए है। जिसमे से 1470 मामलों को सुलझाने का दावा किया है। पिछले साल जनवरी से अप्रैल के दौरान यह आंकड़ा 65 फीसदी था। जानकारी के मुताबिक, पिछले साल जनवरी से अप्रैल के बीच महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 2078 मामलों में से पुलिस केवल 1341 मामलों को सुलझाने में सफल रही है। कुल मिलाकर मुंबई पुलिस को हर दिन 16 अपराधों की रिपोर्ट की है। यानी हर महीने महिलाओं के खिलाफ 480 अपराध दर्ज किए गए हैं।
बलात्कार के 325 ओर अपहरण के 407 मामले
मुंबई पुलिस के मुताबिक सबसे रेप, गुमशुदगी, अपहरण और दहेज प्रताड़ना के ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से अप्रैल तक मुंबई पुलिस ने बलात्कार के 325 मामले, अपहरण के 407 मामले और दहेज के 228 मामले दर्ज किए। इनमें से 286 मामले दुष्कर्म और 332 अपहरण के थे, जबकि पुलिस दहेज प्रताड़ना के सिर्फ 95 मामलों को ही सुलझा पाई है।